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टीचर्स की CM को धमकी, मांगें नहीं मानी तो आपकी सभा में नहीं भेजेंगे भीड़

शिवराज की धमकी पर हड़ताली अध्यापकों ने दी प्रदेशभर में आंदोलन की चेतावनी° सरकार की घोषणाओं को भेदभावपूर्ण और अव्यवहारिक बता रहे हैं।

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shahid samar

Jan 11, 2017

Bhopal

Bhopal

भोपाल.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अध्यापकों के हड़ताल से नाराज होकर कार्रवाई की चेतावनी दी है। वहीं, अध्यापक सरकार की घोषणाओं को भेदभावपूर्ण और अव्यवहारिक बता रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने घोषणाओं पर अमल नहीं किया। सीएम ने 24 सितंबर 2015 को मुंबई में घोषणा की थी कि 1 जनवरी 16 से छठवां वेतनमान दिया जाएगा। इसमें अप्रैल से नकद और चार माह का एरियर मिलेगा, लेकिन सालभर गुजर जाने के बाद भी इसपर अमल नहीं हुआ।



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ये बताई विसंगतियां
- 10 हजार संकुल, सब में अलग-अलग वेतन।
- महिला अध्यापकों को संतान पालन अवकाश नहीं जबकि शिक्षिकाओं को है।
- शैक्षणिक कार्य के अलावा बीएलओ, शौचालयों की गणना, पंचायती कार्य, चुनाव कार्य कराना।
- 12 साल हो गए, लेकिन अभी तक स्थानांतरण की नीति नहीं बन सक ी।
- शिक्षकों के समान कार्य पर वेतन में भारी विसंगति।


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इनका कहना है...
राहतें अभी कागजों और घोषणाओं में हैं। अध्यापकों को उनका हक नहीं मिल रहा है। इसलिए, आंदोलन करना पड़ रहा है। आंदोलन का किसी को शौक नहीं है।
- जगदीश यादव, प्रांतीय अध्यक्ष, राज्य अध्यापक संघ


छठवे वेतनमान में अफसरों ने आदेशों की गलत व्याख्या की, जिससे विसंगतियां आईं। मांगें पूरी करने के पक्ष मुख्यमंत्री भी हैं। सीएम का यह बयान दुखी करने वाला है।
- भरत पटेल, प्रांताध्यक्ष, आजाद अध्यापक संघ


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मुख्यमंत्री ने अध्यापकों को 22000 करोड़ रुपए की राहत देने का ढिंढोरा पीटा है, लेकिन यह कहां है? सरकार अध्यापकों से शैक्षणिक कार्य के अलावा सब कराती है।
- शैलेंद्र त्रिपाठी, प्रांतीय उपाध्यक्ष, राज्य अध्यापक संघ


हम सभी नियमित शिक्षकों से दोगुना काम करते हैं। इसके बाद भी न तो बीमा कराया न ही पेंशन योजना में शामिल किया। सीएम की नीयम ठीक नहीं है।
- जितेंद्र शाक्य, प्रदेश प्रवक्ता, मप्र शा. अध्यापक संगठन

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