ये बताई विसंगतियां- 10 हजार संकुल, सब में अलग-अलग वेतन।
- महिला अध्यापकों को संतान पालन अवकाश नहीं जबकि शिक्षिकाओं को है।
- शैक्षणिक कार्य के अलावा बीएलओ, शौचालयों की गणना, पंचायती कार्य, चुनाव कार्य कराना।
- 12 साल हो गए, लेकिन अभी तक स्थानांतरण की नीति नहीं बन सक ी।
- शिक्षकों के समान कार्य पर वेतन में भारी विसंगति।
ALSO READ: साउथ के सुपर हीरो की तरह काम करता है ये IPS, ट्रांसफर से चर्चा मेंइनका कहना है...राहतें अभी कागजों और घोषणाओं में हैं। अध्यापकों को उनका हक नहीं मिल रहा है। इसलिए, आंदोलन करना पड़ रहा है। आंदोलन का किसी को शौक नहीं है।
- जगदीश यादव, प्रांतीय अध्यक्ष, राज्य अध्यापक संघ
छठवे वेतनमान में अफसरों ने आदेशों की गलत व्याख्या की, जिससे विसंगतियां आईं। मांगें पूरी करने के पक्ष मुख्यमंत्री भी हैं। सीएम का यह बयान दुखी करने वाला है।
- शैलेंद्र त्रिपाठी, प्रांतीय उपाध्यक्ष, राज्य अध्यापक संघ
हम सभी नियमित शिक्षकों से दोगुना काम करते हैं। इसके बाद भी न तो बीमा कराया न ही पेंशन योजना में शामिल किया। सीएम की नीयम ठीक नहीं है।
- जितेंद्र शाक्य, प्रदेश प्रवक्ता, मप्र शा. अध्यापक संगठन