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कलेक्टर गाइड लाइन: पंजीयन विभाग के कारनामों से नाराज हुए सांसद, विधायक और बिल्डर

Collector Guide Line: क्रेडाई की महानिरीक्षक पंजीयक के साथ बैठक, 15 साल में वृद्धि दर का मांगा रेकॉर्ड, पांच साल का ही ब्यौरा दिया, पंद्रह साल के दौरान 200 फीसदी से अधिक औसत दर वृद्धि हुई, लेकिन आमजन के साथ जनप्रतिनिधियों तक को रिकॉर्ड नहीं दिया जा रहा

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Collector Guideline

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Collector Guideline: जिले में जमीन की दरों में हुई बढ़ोतरी को छुपाया जा रहा है। 2009 से अब तक पंद्रह साल के दौरान 200 फीसदी से अधिक औसत दर वृद्धि हुई, लेकिन आमजन के साथ जनप्रतिनिधियों तक को रिकॉर्ड नहीं दिया जा रहा है। जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में भी महज पांच साल की वृद्धि दर की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। जबकि पंजीयन विभाग को 2009 से अब तक का पूरा रिकॉर्ड जाहिर करने के लिए नवंबर 2024 में वित्तमंत्री ने निर्देश दिए थे।

1 अप्रैल से लागू होना है नई कलेक्टर गाइडलाइन

एक अप्रेल से नई कलेक्टर गाइडलाइन लागू होना है। इस पर सांसद से लेकर विधायक तक का विरोध सामने आ रहा है।पंजीयन विभाग की ओर से नंवबर 2024 में करीब सात फीसदी दर वृद्धि का प्रस्ताव जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में मंजूर कराया था। प्रस्ताव पर सांसद आलोक शर्मा समेत विधायक भगवानदास सबनानी और अन्य ने विरोध जताया। वित्तमंत्री से मुलाकात की ओर इस प्रस्ताव यह कहकर होल्ड किया कि जनप्रतिनिधियों से चर्चा के बाद इसे लागू करेंगे।

इस तरह होगी वृद्धि

2009 से 2013 तक 120 फीसदी दर वृद्धि की जा चुकी है

2021 में 40 लोकेशन में पंद्रह फीसदी तक दरवृद्धि।

● 2022 में 2800 लोकेशन पर दरवृद्धि की। 400 लोकेशन पर 10 फीसदी, जबकि 2400 पर 20 फीसदी की बढ़ोतरी।

● 2023 में 733 लोकेशन पर 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी।

2024 में 1443 लोकेशन पर 8.19 फीसदी दर वृद्धि।

गुजरात की तर्ज पर होगी वृद्धि

भोपाल समेत प्रदेश में हर साल बढ़ाई जा रही गाइडलाइन दरों पर क्रेडाई प्रतिनिधि मंडल ने शुक्रवार को महानिरीक्षक पंजीयक अमित तोमर के साथ बैठक की। क्रेडाई भोपाल के अध्यक्ष मनोज सिंह ‘मीक’ ने सर्किल रेट निर्धारण के पीछे डेटा आधारित पारदर्शिता और व्यवहारिकता सुनिश्चित करने की बात कही, ताकि रियल एस्टेट सेक्टर में स्थिरता, निवेश और राजस्व - तीनों का संतुलन बना रहे। उन्होंने गुजरात मॉडल का हवाला देते हुए कहा कि गुजरात ने 2011 से 2023 तक गाइडलाइन दरें स्थिर रखकर पूंजी और निवेश को आकर्षित किया।

जबकि एमपी में हर साल रेट और उपबंधों की बढ़ोतरी से बाजार अस्थिर हुआ है। क्रेडाई प्रतिनिधियों ने सुबह महानिरीक्षक पंजीयन अमित तोमर के साथ करीब एक घंटा तक बैठक की। जिला पंजीयन अधिकारी भी यहां उपस्थित थे। क्रेडाई ने बाजार के तथ्यों समेत दूसरे राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेस से अधिकारियों को अवगत कराया। यहां भोपाल चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स के सुनील जैन 501, कैट के सुनील अग्रवाल, जिला बार एसोएशिन के दीपक खरे, नर्सिंग होम एसोसिएशन के डॉ. संजय गुप्ता भी यहां उपस्थित रहे।

दर वृद्धि नुकसान दे रही या लाभ, विशलेषण से ही होगा पता चलेगा

दर वृद्धि का विरोध नहीं है, लेकिन ये वैज्ञानिक पद्धति से हो। 3000 लोकेशन में से 500 ही ऐसी है जहां नियमित तौर पर पंजीयन होता है, जमीन की खरीदी-बिक्री होती है। दर वृद्धि नुकसान दे रही या लाभ, जब तक विशलेषण नहीं होगा, तब तक इसका कोई लाभ नहीं है।

आलोक शर्मा, सांसद

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