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प्रॉपर्टी विवाद खत्म करने के लिए यहां करें शिकायत, 100% सही होगा बंटवारा

प्रॉपर्टी से संबंधित किसी भी प्रकार का विवाद होने पर लोग पुलिस या प्रशासन के पास पहुंच जाते हैं। चूंकि इनके पास इस विवाद को सुलझाने का अधिकार नहीं होता है, इस कारण हम आपको बताएंगे कि प्रॉपटी से संंबंधित विवाद होने पर आप कहां जाएं। ताकि आपकी समस्या का हल हो जाए।

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भोपाल. प्रॉपर्टी को लेकर अधिकतर घर परिवार में विवाद होता है, कई विवाद तो आपसी सलाह मशवरा से सुलझ जाते हैं, लेकिन कई विवाद ऐसे होते हैं, जो कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने के बाद भी नहीं सुलझते हैं, ऐसे में कई बार विवाद इतना बढ़ जाता है कि दो पक्षों में खूनी संघर्ष तक हो जाता है, जिसमें कई लोगों की जान तक चली जाती है, जमीनी विवाद को खत्म करने के लिए हम आपको सबसे अच्छा उपाए बताने जा रहे हैं।

दरअसल जमीन विवाद को सुलझाने के लिए जहां शिकायत होनी चाहिए, वहां तक व्यक्ति पहुंच ही नहीं पाता है, इस कारण ये विवाद कभी खत्म नहीं होता है। जमीन विवाद किसी भी प्रकार का हो सकता है, इसे भूमि, भवन, दुकान, मकान, फ्लैट आदि हो सकते हैं, इस प्रकार की संपत्ति को लेकर परिवार या अन्य पक्षों से होने वाले विवाद को खत्म करने के लिए लोग अक्सर पुलिस के पास पहुंच जाते हैं, ऐसे में अगर जमीन या अन्य प्रॉपर्टी का कब्जा किसी दबंग के पास है, तो वह उसे छुड़ाने में परेशान हो जाता है, लेकिन उसे मालिकाना हक नहीं मिल पाता है।

हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर आपका भी किसी प्रकार का संपत्ति से संबंधित विवाद है और आप उसे निष्पक्ष तरीके से सुलझाना चाहते हैं, तो आप पुलिस के पास नहीं जाएं, कई लोग सब रजिस्टार के पास भी पहुंच जाते हैं, उनके पास भी इसका हल नहीं होता है, क्योंकि उनका काम सिर्फ रजिस्ट्री करना होता है, वे डीड बना देते हैं, सब रजिस्टार का काम इस प्रकार के विवाद को सुलझाना नहीं होता है।

यहां करें शिकायत, सही हो जाएगा बंटवारा


आप अगर प्रॉपटी से संबंधित किसी भी प्रकार के विवाद से घिरे हैं और उसको सुलझाना चाहते हैं तो आप सिविल कोर्ट में जाकर अर्जी लगाएं, आप सिविल कोर्ट में जाकर बराबर बराबर बंटवारा करने का आवेदन करते हुए केस दायर कर सकते हैं, इस मामले में अगर आपको यह लगता है कि दूसरा पक्ष जल्दी प्रॉपटी बेच सकता है तो आप इस मामले में स्टे के लिए भी एक आवेदन लगा सकते हैं, जिससे उस प्रॉपर्टी को कोई बेचना तो दूर की बात उसके स्वरूप में भी परिवर्तन नहीं कर सकेगा, चूंकि स्टे के आवेदन पर तत्काल कार्यवाही होती है, प्रॉपर्टी पर स्टे लग जाता है, इसके बाद कोर्ट आपके आवेदन पर सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों को कोर्ट में बुलाएगी, दोनों पक्षों के बयान होने के साथ ही सब रजिस्ट्रार को भी इस मामले में पक्षकार बनाया जाता है, तीनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट इसमें फैसला लेता है। इसलिए आप जमीन जायदाद से संबंधित कोई भी विवाद हो तो सिविल कोर्ट में ही अर्जी लगाएं।