
Allowances will be stopped if officers and employees in MP leave their headquarters
MP employees salary - मध्यप्रदेश में वेतन-भत्तों आदि को लेकर कर्मचारियों, अधिकारियों का असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है। सरकारी अमले को एरियर्स के भुगतान को लेकर भी शिकायत है। इधर आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ तो प्रदेशभर में खासा अन्याय हो रहा है। उन्हें बेहद कम वेतन दिया जा रहा है जिससे त्रस्त राज्य के लाखों आउटसोर्स कर्मचारी और उनके संगठन आंदोलन करने की चेतावनी दे चुके हैं। प्रदेश के शिवपुरी में तो वेतन को लेकर आउटसोर्स कर्मचारी सड़क पर उतर भी चुके हैं। आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन से हर माह 3 हजार रुपए की कटौती की जा रही है जिससे उन्हें तगड़ा नुकसान हो रहा है। इसके खिलाफ मंगलवार को इंजीनियरिंग कॉलेज के आधा सैंकड़ा कर्मचारियों ने जनसुनवाई में शिकायत दर्ज कराई।
कलेक्ट्रेट में आयोजित जनसुवाई में सतनवाड़ा स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज के आउटसोर्स कर्मचारियों ने कलेक्टर को अपने वेतन संबंधी यह शिकायत की। कर्मचारियों ने बताया कि हमारे वेतन से अकारण ही हर माह तीन हजार रुपए काटे जा रहे हैं, साथ ही वेतन भी एक माह की देरी आ रहा है।
शिवपुरी जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर सतनवाड़ा स्थित इंजीनियरिंग कालेज यूआईटी आरजीपीबी के आधा सैंकड़ा आउटसोर्स कर्मचारी जनसुनवाई में पहुंचे और कलेक्टर रविन्द्र चौधरी को अपनी पीड़ा बताई। उन्होंने बताया कि पिछले 4 साल से वेतन से 3 हजार रुपए की कटौती की जा रही है। वेतन भी एक माह देरी से आता है।
पीड़ित कर्मचारियों ने बताया कि हम इस संबंध में कॉलेज प्रमुख से लेकर आउटसोर्स कंपनी के जिम्मेदारों को अवगत करा चुके हैं, पर हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वेतन से यह पैसे क्यों काटे जा रहे है, इसके बारे में कॉलेज प्रबंधन से लेकर उनकी कंपनी भी कोई जानकारी नहीं दे रही। कर्मचारियों ने कलेक्टर से अपने काम का पूरा वेतन दिलाने की मांग की। इस पर कलेक्टर रविन्द्र चौधरी ने श्रम अधिकारी से मामले में कार्रवाई करने के आदेश दे दिए।
आउटसोर्स कर्मचारी विजय सिंह ने बताया कि कॉलेज में करीब 50 आउटसोर्स कर्मचारी कार्यरत हैं। हमारे वेतन में से हर माह कभी 3 हजार तो कभी 2 हजार रुपए बिना किसी कारण से काट लिए जाते हैं। इतना ही नहीं वेतन कभी भी समय पर नहीं मिलता, जबकि हम लोग समय पर पूरा काम करते है।
कर्मचारियों के मुताबिक न तो उन्हें कोई बोनस मिलता है और न ही ईपीएफ खातों में जो कमी है, उसको सुधारा जा रहा है। वे कई बार संबंधित अधिकारियों से बात कर चुके हैं लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। अब पीड़ित कर्मचारियों ने मामले में कलेक्टर रविन्द्र चौधरी से कार्रवाई की मांग की।
Updated on:
30 Oct 2025 05:39 pm
Published on:
19 Mar 2025 04:14 pm
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