भोपाल

रामचरित मानस के प्रसंगों, पात्रों पर अलग-अलग भाषाओं में रचनाएं, विश्व के कई देशों को कर रहे प्रेरित

- मानस भवन में रामायण अधिवेशन में अनेक विद्वानों ने पेश किए शोध - रामायण के आध्यात्मिक के साथ-साथ मानवीय पहलुओं पर भी चर्चा

2 min read
Mar 18, 2023
मानस भवन में रामायण अधिवेशन में अनेक विद्वानों ने पेश किए शोध

भोपाल. श्यामला हिल्स िस्थत मानस भवन में दिनों अंतरराष्ट्रीय रामायण अधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है। इसमें रामचरित मानस के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जा रही है, साथ ही अनेक विद्वानों द्वारा अपनी कृतियों के माध्यम से अनेक शोध भी प्रस्तुत किए गए है। विद्वानों का कहना है कि रामचरित मानस लाइफ मैनेजमेंट है, अगर इसका अनुसरण किया करे तो जीवन की हर समस्या का समाधान इसमें है। इससे बच्चों और युवा पीढ़ी को जोड़ने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं, साथ ही विश्व के अनेक देशों में रामचरित मानस को पहुंचाने के लिए अलग-अलग भाषाओं में इसे पहुंचाया जा रहा है।


अमेरिका में चलाते हैं रामलीला की क्लास
अमेरिका से आए ओम गुप्ता भी रामचरित मानस के लिए लंबे समय से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे अमेरिका में रामलीला की क्लास चलाते हैं, जिससे कई लोग जुड़े हुए हैं। इसी प्रकार सुंदरकांड पाठ, रामचरित मानस पर परिचर्चा आदि भी करते हैं। उन्होने तुलसी रामायण संक्षिप्त 1008 पंक्तियों में लिखी है। अलग-अलग भाषाओं में भी रामचरित मानस की कई कृतियां लिखी है, इसका उदद्देश्य है कि विभिन्न भाषी वाले क्षेत्रों में भी यह पहुंचे और लोग इसका लाभ उठाए।

अंग्रेजी में किया काव्यात्मक अनुवाद

जबलपुर से आए डॉ अखिलेश गुमाश्ता रामचरित मानस के प्रसिद्ध विद्वान है। उन्होंने बताया कि रामचरित मानस का काव्यात्मक अनुवाद हिन्दी से अंग्रेजी में किया है। नई पीढ़ी अधिक से अधिक जुड़े, इसलिए अंग्रेजी भाषा में इसका काव्यात्मक अनुवाद किया है। इसका विमोचन इंग्लैंड, श्रीलंका सहित कुछ देशों में किया है। साफ्ट पॉवर ऑफ रामायण पर कहां कि रामचरित मानस में संवदेनशीलता, सहनशक्ति,दया, करुणा, प्रेम, क्षमा जैसे सदगुणों की शिक्षा मिलती है।

पात्र और प्रसंगों के आधार पर हनुमानजी पर लिखी किताब
बेंगलूरू के वैज्ञानिक डॉ आदित्य शुक्ल का कहना है कि हनुमानजी के पात्र और प्रसंगों का जीवन में बहुत महत्व है। रामायण के हर पात्र को हम 24 घंटे में किसी न किसी रूप में जीते हैं। दुनिया में जितने भी मैनेजमेंट कोर्स है, उसमें करुणा नहीं है। रामचरित मानस में मानवीय मूल्य स्वयं ही मिलते हैं। रामायण में हनुमानजी एक ऐसे पात्र है जो हर चीज से परिपूर्ण थे, बस उन्हें उनकी शक्ति याद दिलानी पड़ती थी। आज के युवा भी सभी प्रकार से परिपूर्ण है, बस जरूरी है कि वे उसका सही इस्तेमाल करे।

Published on:
18 Mar 2023 11:07 pm
Also Read
View All

अगली खबर