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बड़ी खबर: मानहानि मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत- also see video

मानहानि मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत...

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भोपाल@नीलेंद्र पटेल की रिपोर्ट...

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं परिजनों की मानहानि के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के के मिश्रा पर लगाये गए व्यापम सम्बंधी मुख्यमंत्री मानहानि प्रकरण को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही के के मिश्रा की सजा को भी खत्म कर दिया गया है।

इस संबंध में केके मिश्रा के अधिवक्ता अजय गुप्ता एवं रवि कांत पाटीदार ने बताया कि हमने कैस के संज्ञान को चुनौती दी थी हाईकोर्ट द्वारा डिसमिस किए जाने पर हम सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।

जहां कोर्ट ने माना की ये केस चलने लायक ही नहीं था। वहीं चुकि निचली अदालत में इसमें सजा सुनाई थी अत: कोर्ट ने उसे भी निरस्त किया।

ये थे स्थानीय अदालत के आदेश...
दरअसल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उनके परिजन पर लगाये गये आरोपों के खिलाफ दायर मानहानि के एक मामले में स्थानीय अदालत ने प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा को आज दो साल की साधारण कारावास की सजा सुनाई।

प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश काशीनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री एवं उनके परिजन पर लगाये गये मिश्रा के आरोपों को निराधार पाया और झूठे आरोप लगाने के लिए मिश्रा को दो वर्ष की सजा सुनाई। अदालत ने मिश्रा को 25,000 रूपये के जुर्माने से दंडित भी किया है। जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर उन्हें तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

हालांकि, अदालत ने मिश्रा को सजा सुनाने के तुरंत बाद ही 50,000 रूपये की जमानत पर रिहा कर दिया।

इसी बीच, मिश्रा के वकील अजय गुप्ता ने कहा था कि हम इस फैसले के खिलाफ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।


ये है मामला
ज्ञात हो कि 21 जून 2014 को मिश्रा ने भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में पत्रकार वार्ता आयोजित कर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उनके परिजन पर आरोप लगाया था कि चौहान ने महाराष्ट्र के गोंदिया स्थित अपने ससुराल के 19 लोगों को मध्यप्रदेश परिवहन आरक्षक भर्ती की परीक्षा में उाीर्ण कराया था। इसके अलावा, मिश्रा ने चौहान पर कई अन्य गंभीर आरोप भी लगाये थे।

इन आरोपों पर लोक अभियोजक अधिकारी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद तिवारी ने राज्य सरकार की ओर से मिश्रा के खिलाफ अदालत में जुलाई 2014 में मानहानि का परिवाद पत्र पेश किया था। इस मामले में मुख्यमंत्री चौहान ने तीन बार अदालत में गवाही दी थी।