कांग्रेस के नेताओं की कमलनाथ के न मिलने की शिकायत अब वे दूर कर रहे हैं। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कह दिया कि जो भी उनसे मिलना चाहे वो निवास पर आकर मिल सकता है। यहां तक कि उन्होंने नेताओं,कार्यकर्ताओं और मीडिया के लिए भी ईमेल सुविधा शुरु कर दी है। जिसको मिलना है वो ईमेल कर कमलनाथ से समय निश्चित कर सकता है। इस नई पहल के जरिए कमलनाथ अपने और कार्यकर्ताओं के बीच बनी दूर को मिटाना चाहते हैं।
अरुण यादव बने किसान नेता : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव अब प्रदेश के नए किसान नेता बनने की तैयारी कर रहे हैं। पार्टी में अपनी अहमियत बढ़ाने वे अपने पिता सुभाष यादव के नक्शे कदम पर चलकर अपनी छवि किसान नेता की बनाना चाहते हैँ। यादव ने इसकी शुरुवात भी कर दी है। वे सिरोंज, नसरुल्लागंज और मंदसौर में ट्रेक्टर पर बैठकर किसान आंदोलन की अगुवाई कर चुके हैं। यादव इस बात को अच्छी तरह समझते हैं कि किसानों के जरिए वे प्रदेश की सियासत में मजबूत पकड़ बना सकते हैं। यदि हालात बदले तो उनको फिर से बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी कह चुके हैं कि अरुण यादव को प्रदेश में किसानों का नेतृत्व करना चाहिए। अरुण यादव कहते हैं कि किसान प्राथमिकता पर हैं, पार्टी के साथ और अपने स्तर पर भी उनकी लड़ाई हमेशा लड़ेंगे।
अरुण यादव बने किसान नेता : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव अब प्रदेश के नए किसान नेता बनने की तैयारी कर रहे हैं। पार्टी में अपनी अहमियत बढ़ाने वे अपने पिता सुभाष यादव के नक्शे कदम पर चलकर अपनी छवि किसान नेता की बनाना चाहते हैँ। यादव ने इसकी शुरुवात भी कर दी है। वे सिरोंज, नसरुल्लागंज और मंदसौर में ट्रेक्टर पर बैठकर किसान आंदोलन की अगुवाई कर चुके हैं। यादव इस बात को अच्छी तरह समझते हैं कि किसानों के जरिए वे प्रदेश की सियासत में मजबूत पकड़ बना सकते हैं। यदि हालात बदले तो उनको फिर से बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी कह चुके हैं कि अरुण यादव को प्रदेश में किसानों का नेतृत्व करना चाहिए। अरुण यादव कहते हैं कि किसान प्राथमिकता पर हैं, पार्टी के साथ और अपने स्तर पर भी उनकी लड़ाई हमेशा लड़ेंगे।