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आत्मनिर्भर होगा मप्र: मजदूरों के लिए लांच होगी नई स्कीम, ग्लोबल टेंडर पर रोक देसी होगी खरीदारी

- ग्लोबल टेंडर पर रोक, देसी उत्पाद ही खरीदेंगे- शिवराज 22 मई को करेंगे नई स्कीम का ऐलान- मंत्रियों के साथ बैठक में सीएम का फैसला--

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jitendra chourasiya@भोपाल। मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने मंगलवार को दो बड़े फैसले लिए हैं। इसके तहत बाहरी राज्यों से मध्यप्रदेश में लौट रहे प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए नई स्कीम लांच की जाएगी। साथ ही मध्यप्रदेश के सरकारी विभागों में अब ग्लोबल टेंडर पर रोक लगाई जाएगी। इसके तहत देसी उत्पादों को ही खरीदा जाएगा।
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यह निर्णय मंगलवार को आत्मनिर्भर भारत अभियान के आर्थिक पैकेज के तहत आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का कांसेप्ट तैयार करने के लिए बुलाई बैठक में लिए गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांचों मंत्रियों के साथ बैठक करके तय किया कि बाहरी राज्यों से आने वाले सभी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। इसके तहत मनरेगा में काम दिया जाएगा। मनरेगा में काम देने के लिए इनके जॉब कार्ड भी बनाए जाएंगे। शिवराज आगामी 22 मई को रोजगार की इस नई स्कीम को लांच करेंगे। जनपद स्तर पर विधायक भी इसी दिन स्कीम का शुभारंभ करेंगे।
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देसी की ओर अब मध्यप्रदेश-
दूसरा बड़ा निर्णय ग्लोबल टेंडर पर रोक का रहा। बैठक में शिवराज ने कहा कि गणेशजी की मूर्ति और हमारी होली की पिचकारी तक चीन बना रहा है। हमें अब लोकल के लिए काम करना होगा। इसके तहत सरकारी विभागों में ग्लोबल टेंडर से खरीदी पर रोक लगाना तय किया गया। अब देश में बनने वाले उत्पाद व मशीनरी की ही खरीदी की जाएगी। बैठक में बतायागया कि आर्थिक पैकेज में एमएसएमई में अतिसूक्ष्म को पांच लाख आर्थिक सहायता को अब 25 लाख किया गया है। तीन लाख करोड़ रुपए का रिटेलर पैकेज एमएसएमई के लिए केंद्र ने रखा है।
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20 लाख को जॉब, 14 लाख मजदूर आए-
मनरेगा में वर्तमान में 20 लाख मजदूरों को काम दिया गया है। वहीं करीब 14 लाख मजदूर अब तक बाहरी राज्यों से लौटे हैं। इनमें 11.88 लाख मजदूर सरकारी बस व ट्रेन की सुविधा के पहले लौटै थे, जबकि बस व टे्रन की सुविधा से करीब 4.10 लाख मजदूर लौटे हैं। इन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार नई योजना ला रही है।
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शहरी विक्रेताओं को मिलेंगे दस हजार-
केंद्र के आर्थिक पैकेज में शहरी विक्रेता यानी फुटपाथ पर सामान बेचने वालों को दस हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। योजना में हितग्राही को कर्ज उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 10 हजार रुपए की पूंजी दी जाएगी। शिवराज ने कहा कि भारत सरकार के पैकेज के साथ ही राज्य स्तर पर विभागों की योजनाओं को इस तरह जमीन पर उतारा जाएगा, जिससे निर्धन तबके को विशेष रूप से राहत मिले। बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग और नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रेजेंटेशन हुए।
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मनरेगा में मशीनों का उपयोग न करें-
सीएम ने निर्देश दिए कि मनरेगा के अन्तर्गत ऐसी संरचनाएं निर्मित की जाएं, जिनमें बारिश में भी कार्य संभव हो सकें। इन कार्यों में मशीनों का प्रयोग न किया जाए। सभी निकायों में शहरी पथ विक्रेता व दीनदयाल रसोई के संचालन पर ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं। इसे फिर गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए चलाने के निर्देश दिए गए।
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ये भी निर्णय-
- मंदिर सरोवर के लिए मनरेगा में पैसा सरकार देगी
- मंदिर उद्यान बनाने के लिए पैसा सरकार देगी
- मंदिर गौशाला खोलना चाहेगा तो सरकार बनाकर देगी
- हर गांव पंचायत में एक तालाब बनाना तय किया गया
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