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भोपाल

चीनी सामान छूने से फैल सकता है कोरोना वायरस? इन सवालों के जवाब जानना आपके लिए बेहद जरूरी

तेज़ी से फैलते इस वायरस को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा बड़ा वैश्विक संकट घोषित कर दिया है। वहीं, सोशल मीडिया पर भी कोरोना वायरस को लेकर कई तरह के सवाल भी चर्चा में हैं।

भोपालMar 04, 2020 / 01:24 pm

Faiz

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भोपाल/ चीन से काफी तेजी से फैलने और दुनियाभर में दहशत मचाने वाले कोरोना वायरस की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या 300 के पार जा पहुंची है। वहीं, इस वायरस से अब तक 14 हज़ार से अधिक लोगों के ग्रस्त होने की पुष्टी भी हो चुकी है। तेज़ी से फैलते इस वायरस को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा एक बड़ा वैश्विक संकट घोषित कर दिया है। वहीं, सोशल मीडिया पर भी कोरोना वायरस को लेकर कई तरह के सवाल काफी चर्चा में हैं। इन सवालों के प्रभाव से क्षेत्रीय बाजार, खाने पीने की चीजे आदि प्रभावित हो रही हैं। लोगों में बन रही असमंजस की स्थिति को दूर करने के लिए आज हम उन सवालों पर चर्चा करेंगे जो बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर चर्चा और चिंता का विषय बने हुए हैं।

 

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सोशल मीडिया पर उठ रहे हैं ये सवाल

सवाल – क्या चीनी सामान छूने से कोरोना वायरस फैल सकता है?

जवाब – इंटरनेट पर ये सवाल काफी चर्चा में है। तमाम लोग इसपर चर्चा कर रहे हैं कि, क्या चीन के वुहान या अन्य ग्रस्त हिस्सों से निर्यात होने वाला सामान छूने से वायरस फैल सकता है?

ये सवाल वाजिब है। क्योंकि, चीनी सामान की बिक्री के लिए भारत एक बहुत बड़ा बाजार है। मध्य प्रदेश के सेकड़ों व्यापारी चीन से सीधे सामान खरीदते हैं। लेकिन, हालही के दिनों में कई लोग चीनी सामान खरीदने या उसे छूने से भी कतरा रहे हैं। वजह सोशल मीडिया पर पूछे जा रहे सवाल भी हैं। हालांकि, अब तक इस बात के कोई प्रमाण सामने नहीं आए हैं जिनके आधार पर पुख़्ता तौर पर कहा जा सके कि, चीन से दुनियाभर में बिकने वाले किसी भी सामान के छूने से कोई व्यक्ति ग्रस्त हुआ है।

लोगों में कोरोना वायरस को लेकर असमंजस इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि, साल 2003 में चीन की ओर से ही दुनियाभर में फैले सार्स नामक वायरस ने उस दौरान 700 से ज़्यादा लोगों की जान ली थी। तब सार्स को लेकर ये पुष्टी हुई थी कि, अगर आप किसी चीज़ या जगह को छूते हैं जहां पर संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से वायरस हो तो आपको भी संक्रमण फैसले का खतरा बढ़ जाता था। हालांकि, कोरोना वायरस को लेकर अब तक ऐसी कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है, जिससे ये साबित हो कि, कोरोना भी सार्स की तरह ही संक्रमण फैलाने में उतना सक्षम है।

हालांकि, अब तक की जांच में ये पुष्टी जरूर हुई है कि जिस तरह सर्दी-ज़ुकाम के वायरस इंसानी शरीर से बाहर 24 घंटे तक ज़िंदा या सक्रीय रह सकते हैं, लेकिन कोरोना वायरस इंसानी शरीर के बाहर कई महीनों तक ज़िंदा रह सकता है। लेकिन अब तक सामने आए मामलों में ये देखा गया है कि जो व्यक्ति भी अब तक वायरस की चपेट में आया है वो किसी अन्य संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से ही आया है, ना कि किसी चीज के।

 

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सवाल- चीन से ही क्यों इतने वायरस सामने आते हैं?

जवाब- इसमें गौर करने की बात ये है कि, चीन दुनियाभर में सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। इनमें बड़ी आबादी जानवरों के क़रीब भी रहती है। कोरोना वायरस के संबंध में भी यही माना जा रहा है कि, ये भी किसी जानवर के जरिये ही इंसानों में पहुंचा है। हालांकि, अब तक ये बात पूरी तरह प्रमाणित नहीं है कि, ये किस जानवर या किस चीज के जरिये लोगों में फैला है, लेकिन गुजरे संक्रमणों पर गौर करने पर ये पिछले कई वायरसों से बहुत हद तक मिलता जुलता है, जिससे अलग अलग कयास लगाए जा रहे हैं। एक सुझाव के मुताबिक, वायरस सांपों से फैला है। तो कई जांचों में इसके सिमटम्स बहुत हद तक सार्स से ही मिलत जुलते हैं, जो चमगादड़ों से इंसानों में फैला था। ऐसे में माना जा रहा है कि, ये चमगादड़ों या सिवेट बिल्ली से फैला है। कई लोगों का मानना है कि, ये किसी सी फूड के सेवन से फैला है।

 

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सवाल 3 – क्या कोरोना वायरस से संक्रमण के बाद ग्रस्त व्यक्ति का स्वास्थ पहले जैसा हो सकता है?

जवाब- ये संभव है, इस वायरस से संक्रमित कई लोगों में हल्के-फुल्के लक्षण दिखाई देते हैं। इनमें बुखार, खांसी और सांस लेने में होने वाली दिक्कतें शामिल हैं। ज़्यादातर लोग इस संक्रमण से निकलने के बाद पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। लेकिन ये वायरस वृद्ध लोगों और पहले से डायबिटीज़ और कैंसर जैसी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए बेहद ख़तरनाक है। इसके अलावा ख़राब रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए ये संक्रमण बेहद ख़तरनाक है।

 

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सवाल- इन्क्यूबेशन पीरियड क्या है और इस वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड कितना है?

जवाब- विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़, किसी भी वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड वो समय होता है जिस दौरान व्यक्ति वायरस से संक्रमित होता है, लेकिन उसके स्वास्थ्य पर उसका असर दिखाई नहीं देता। फिलहाल, इस वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड 2 से दस दिनों के बीच बताया जा रहा है, लेकिन अब तक इसका कोई स्पष्ट आंकलन नहीं हो सका है, जिसकी काफी जरूरत है। क्योंकि, किसी भी वायरस के बारे में पूरी तरह जानने केलिए जरूरी है उसका इन्क्यूबेशन पीरियड के बारे में जानना। डॉक्टर और सरकारें इसकी मदद से वायरस के प्रसार को रोक सकते हैं। इसका मतलब ये हुआ कि अगर उन्हें इस बारे में पता हो तो वे ऐसे लोगों को आम आबादी से अलग कर सकते हैं जिनके वायरस से संक्रमित होने की आशंका होती है।

 

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सवाल- क्या इस वायरस का अब तक कोई पूर्ण वैक्सीन है?

जवाब- फ़िलहाल, इस वायरस की कोई वैक्सीन मौजूद नहीं है। लेकिन शोधार्थी इस वायरस की वैक्सीन तैयार करने के लिए युद्ध स्तर पर जुटे हुए हैं। इसमें अब तक इतना विलंब होने का कारण ये है कि, ये वायरस इससे पहले इतिहास में कभी भी सक्रीय नहीं हुआ, ये पहली बार ही लोगों में फैला है।

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