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CRWS : रेलवे इंजीनियर्स ने तैयार किए आइसोलेशेन केबिन, इसमें बिना कोरोना संक्रमण के खतरे के मरीजों की जांच कर सकेंगे डॉक्टर

नए मॉडयूलर टॉयलेट को आकार देकर तैयार किए हैं यह आइसोलेशन केबिन, निशातपुरा स्थित रेल कोच फैक्ट्री के इंजीनियर्स ने तैयार किया यह प्रोटोटाइप

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भोपाल

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Vikas Verma

Apr 04, 2020

CRWS: Isolation cabin prepared by railway engineer

CRWS: Isolation cabin prepared by railway engineer

विकास वर्मा, भोपाल। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए निशातपुरा स्थित रेल कोच फैक्ट्री (सवारी डिब्बा पुनर्निर्माण कारखाना) के इंजीनियर्स आइसोलेशन केबिन तैयार कर रहे हैं। जिसमें डॉक्टर्स बिना मरीज के संपर्क में आए उसकी जांच व इलाज कर सकेगा। इंजीनियर्स ने नए मॉडयूलर टॉयलेट को आकार देकर यह आइसोलेशन केबिन तैयार किए हैं। इस केबिन को इस तरह से डिजाइन किया गया है जिससे डॉक्टर और कोरोना संक्रमित मरीज के बीच शारीरिक सम्पर्क की संभावना को खत्म किया गया है। इस केबिल में एक कांच का ग्लास डॉक्टर व कोरोना संक्रमित मरीज के बीच लगाया है और केबिन में परीक्षण के लिए दो छेद भी बनाए गए हैं जिसमें लगे मेडिकल हैंड ग्लब्स की सहायता से मरीज़ का परीक्षण किया जा सकेगा। कोच फैक्ट्री के रेलवे इंजीनियर्स के इस प्रयास से चिकित्सकों व अन्य मेडिकल स्टाफ को कोरोना वायरस से संक्रमित होने की संभावना खत्म हो जाएगी। इस आइसोलेशेन केबिन के प्रयोग से संक्रमित हैंड ग्लब्स, मास्क आदि के हर बार डिस्पोजल की समस्या से भी निजात मिलेगी।

कम समय व लागत में तैयार हो सकेंगे यह आइसोलेशन केबिन

कोच फैक्ट्री के चीफ वर्क्स मैनेजर मनीष अग्रवाल ने बताया कि इस परीक्षण बूथ का प्रोटोटाइप मॉडल इस कारखाने में विकसित कर लिया गया है और जल्द ही इसे तैयार कर मण्डल रेल चिकित्सालय को दिया जाएगा। पहला प्रोटोटाइप शनिवार तक बनकर तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस केबिन में चिकित्सकों के बैठने की व्यवस्था के साथ अन्य सुविधाएं भी दी गई हैं। इसके इस्तेमाल से मेडिकल उपयोग में लगने वाले व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों के प्रयोग में भी कमी आएगी। इस समय देश में मेडिकल सुरक्षा उपकरणों की मांग भी ज्यादा है। यह आइसोलेशन केबिन काफी कम लागत व बहुत ही कम समय में तैयार किया जा सकता है।