सूत्रों ने बताया कि 5 जुलाई 2008 को ईओडब्ल्यू ने शर्मा, नंदा के साथ स्टोर कीपर बसंत सेलके, सुनील अग्रवाल, जयपाल सचदेवा, सीए राजेश जैन, सप्लायर योगेश पटेरिया, मां जागेश्वरी पब्लिसिटी, शार्प एंड सर्विसेज, ग्लोबल इंटरप्राइजेज, जया किट्स उद्योग, रेडियेशन इमेज कम्युनिकेशन इमेज एंड सर्विसेज, आयडियल मेडिकल एवं इलेक्ट्रीकल कंपनी, नेप्च्यून रेमेडिज, छत्तीसगढ़ फार्मा, प्रोपराईटर नेताम इंटडस्ट्रीज सहित 16 लोगों और उनकी कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी, षड़यंत्र और भ्रष्टाचार के तहत अपराध दर्ज किया था। शर्मा पर आरोप था कि उन्होंने अपने परिजन, रिश्तेदारों और सहयोगियों के साथ मिलकर दवा एवं अन्य उपकरणों की खरीदी में करोड़ों की गड़बडि़यां की हैं। इस मामले में ईओडब्ल्यू ने आयकर विभाग, लोकायुक्त और स्वास्थ्य विभाग से दस्तावेज हासिल किए थे। आयकर विभाग ने शर्मा के यहां मारे गए छापे में मिली संपत्ति का ब्योरा दे दिया था।