ऐसा है मध्यप्रदेश का हाल
मध्यप्रदेश में हालांकि हल्की धूल भरी आंधियां चली, यहां राजस्थानी हवाओं का ज्यादा असर नहीं पड़ा। पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश का मौसम शुष्क रहा। अधिकतम तापमान शहडोल, सागर, ग्वालियर एवं चंबल संभागों के जिले में कम हुआ, हालांकि शेष जिलों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। चंबल संभाग के जिलों में सामान्य से कम तथा शेष संभागों के जिलों में सामान्य रहा। प्रदेश में सबसे ज्यादा तापमान 43 डिग्री सें खंडवा, खरगौन और नरसिंहपुर में दर्ज किया गया।
तेज हवाओं के साथ पड़ेंगी बौछारें
दिल्ली में बदले मौसम का असर उत्तरी मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों पर भी पड़ेगा। मौसम विभाग ने कहा है कि अगले 24 घंटों के दौरान ग्वालियर और चंबल संभागों के जिलों में हल्की बारिश की उम्मीद है। यहां गरज चमक के साथ तेज हवाएं चल सकती है या बौछारें गिर सकती है। बाकी राज्य में मौसम शुष्क बना रहेगा। जबकि 18 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी।
नेपाल की राजधानी काठमांडू के बाद आफ्टर शॉक भोपाल में भी महसूस किए गए थे। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.9 मापी गई थी। हालांकि जानमाल के नुकसान की खबर नहीं थी। जिस वक्त भूकंप आया मंत्रालय में कैबिनेट बैठक चल रही थी। झटके महसूस होते ही मंत्रालय के कर्मचारी एवं मंत्री सीढ़ियों से होते हुए मंत्रालय से बाहर भागे। इस बीच सीएम ने आदेश जारी करते हुए कहा कि स्थिति सामान्य होने तक कोई भी सरकारी दफ्तर में काम नहीं करेगा। सुरक्षा की दृष्टि सेमंत्रालय, सतपुड़ा भवन और विंध्याचल भवन सहित शहर के सारे सरकारी दफ्तर खाली करा लिए गए।
-भूकंप महसूस होते ही घरों से बाहर निकलकर खुले मैदान में पहुंच जाएं। बड़ी बिल्डिंग्स, पेड़ों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें।
-बाहर जाने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढिय़ों का इस्तेमाल करें।
-कहीं फंस जाएं तो दौड़ें नहीं। इससे भूकंप का ज्यादा असर होगा।
-भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे, ऊपर रखे भारी सामान से दूर हट जाएं, ताकि इनके गिरने और शीशे टूटने से चोट न लगे।
-टेबल, बेड, डेस्क जैसे मजबूत फर्नीचर के नीचे घुस जाएं और उसके पांएं कसकर पकड़ लें, ताकि झटकों से वह खिसके नहीं।
-कोई मजबूत चीज न हो तो किसी मजबूत दीवार से सटकर शरीर के नाजुक हिस्से जैसे सिर, हाथ आदि को मोटी किताब या किसी मजबूत चीज से ढंककर घुटने के बल टेक लगाकर बैठ जाएं।
-खुलते-बंद होते दरवाजे के पास खड़े न हों, वरना चोट लग सकती है।
-गाड़ी में हैं तो बिल्डिंग, होर्डिंग्स, खंभों, फ्लाईओवर, पुल आदि से दूर सड़क के किनारे या खुले मैदान में गाड़ी रुकवा लें और भूकंप रुकने तक इंतजार करें।