
भोपाल. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछले कुछ दिनों से डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। जिसके चलते आज भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने सभी स्कूलों में बच्चों को फुल आस्तीन और फुल पैंट पहन कर आने का निर्देश जारी किया है। यह निर्देश डेंगू से बचाव के लिए कलेक्टर ने जारी किया है। बता दें कि बीते 18 दिन में ही डेंगू के 155 मरीज सामने आ चुके हैं।
शहर में डेंगू मरीजों की संख्या 265 हो गई है। इधर, लोगों का कहना है कि डेंगू रोकथाम के उपाय महज कागजों में हो रहे हैं, जबकि जमीनी हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। डेंगू की बढते प्रभाव को देखते हुए मलेरिया विभाग ने अब सघन जांच अभियान शुरू कर दिया है। बुधवार को 124 टीम ने बरखेड़ा पठानी क्षेत्र में डेंगू लार्वा सर्वे की जांच की।
सर्दी, खासी, बुखार से पीड़ित
ब्लाक मेडिकल ऑफीसर डॉ.केपी यादव का कहना है कि अस्पताल आने वाले मरीजों में 90 फीसदी मरीज वायरल फीवर के हैं। यह साधारण वायरल फीवर है। बारिश थमने के बाद जैसे ही धूप निकलेगी, वातावरण से यह वायरल खत्म हो जाएगा। डॉ. यादव ने बताया कि वायरल फीवर के कारण बुखार 4 से 5 दिनों के बीच रह सकता है। इसमें मरीज सर्दी, खासी, बुखार से पीडि़त हो रहे हैं। बीएमओ ने बताया कि इस दौरान लोगों को एहतियात के तौर पर घर के बाहर का पानी पीने से बचना चाहिए, साथ ही बाहर की कोई चीज न खाकर, घर का पोष्टिक भोजन करना चाहिए।
...इसलिए बढ़ रहे मरीज
लार्वा मिलने पर नगर निगम को मकान मालिक पर 200 से 5 हजार रुपए तक जुर्माने का अधिकार है, लेकिन जुर्माना तब किया जाता है जब डेंगू-चिकनगुनिया के हर दिन 5 से ज्यादा मरीज आने लगते हैं। लावा सर्वे में आशा कार्यकताओं की टीमें लगाई जाती हैं, लेकिन उन्हें लार्वा की सही तरीके से पहचान नहीं है। बार-बार मौसम में बदलाव से मच्छरों को पनपने का मौका मिला।
Published on:
19 Sept 2019 03:53 pm
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
