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अस्पताल में इमरजेंसी के लिए लागू होगा ‘कलर कोड’, Pink, Red, Blue, yellow हर रंग का होगा अलग मतलब

भोपाल। हमीदिया अस्पताल में इमरजेंसी के लिए अलग अलग कलर कोड तैयार किए गए हैं। यह व्यवस्था लागू करने वाला हमीदिया राज्य का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है। इसके जरिए तत्काल अस्पताल में सभी को सक्रिय करने में आसानी होगी, साथ ही पांच से सात मिनट के अंदर संबंधित टीम तय स्थल पर पहुंच जाएगी। अलग अलग कलर कोड के लेकर अलग-अलग टीमें तैयार की गई हैं। हर रोज सुबह कलर के हिसाब से टीम बनाई जाती है।

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अधिकारी बोले- पिछली घटना से सीख ली

हमीदिया के अधिकारियों का कहना है कि नए भवन के साथ सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। यही वजह है कि आपातकालीन स्थिति के लिए अलग-अलग कलर कोड का सिस्टम लागू किया गया है। बता दें, चार साल पहले बच्चा वार्ड में हुई आग की घटना में 6 बच्चों की मौत हुई थी। इस दौरान सबसे बड़ी कमियों में से एक यह थी कि ऐसी स्थिति से कर्मचारियों को निपटने की ट्रेनिंग नहीं थी।

कोड पिंक: अस्पताल के सारे गेट बंद हो जाएंगे। इसके बाद बच्चा चोर की तलाश की जाएगी। सभी वार्ड, टॉयलेट, कूड़ाघर समेत पूरे अस्पताल की छान बीन की जाएगी।

कोड रेड: आग लगने की घटना होने पर यह कोड लागू होगा। इसमें मरीजों को अस्पताल से सुरक्षित बाहर निकालने की जिम्मेदारी कर्मचारियों की होगी। फायर ब्रिगेड के जरिए बीते एक साल में ट्रेनिंग के लिए कई कैंप लगाए गए हैं।

कोड ब्लू: मरीज अचानक बिगड़ी तबीयत या हार्ट अटैक आने पर लागू होगा।

कोड येलो: भूकंप, बाढ़ या अन्य कोई आपदा

कोड पर्पल: शारीरिक प्रताड़ना की स्थिति

स्टाफ को आपातकालीन स्थिति के लिए विशेष ट्रेनिंग दी गई हैं। आगे भी यह जारी रहेगी। इसके साथ ही तय कोड की तय व्यक्ति को जानकारी दी जाती है। जैसे ही कोड एक्टिव होता है संबंधित को बिना समय गंवाए अपनी जिम्मेदारी पूरा करनी होती है।- डॉ. आशीष गोहिया, अधीक्षक हमीदिया अस्पताल