
Digvijay Singh dragged Scindia in Saurabh Sharma case
कांग्रेस नेता दिग्विजयसिंह ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बड़ा आरोप लगाया है। भोपाल में आरटीओ RTO के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा केस में दिग्विजय सिंह ने सिंधिया को घेरा। दिग्विजयसिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार में सिंधिया ने तत्कालीन सीएम कमलनाथ पर अपने करीबी गोविंदसिंह राजपूत को परिवहन मंत्रालय देने का दबाव डाला था। सिंह ने भोपाल में बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज्योतिरादित्य सिंधिया को कटघरे में खड़ा करते हुए उनकी भूमिका पर सवाल उठाए। दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि इस बात का जवाब कौन देगा, सिंधिया या कोई और! दिग्विजय सिंह ने इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। पत्र में इस केस से लोकायुक्त को हटाकर ईडी और आयकर विभाग को जांच सौंपने की मांग की है। दिग्विजय सिंह ने एमपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की निगरानी में जांच की मांग की।
मध्यप्रदेश में RTO के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों पर मिली अकूत संपति के मामले में कांग्रेस शुरु से ही राज्य सरकार और बीजेपी नेताओं पर हमलावर है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी, उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे पूर्व और वर्तमान परिवहन मंत्रियों पर उंगली उठा चुके हैं। अब दिग्विजय सिंह ने इस मामले में ज्योतिरादित्य सिंधिया को घसीटकर नया मोर्चा खोल दिया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि आज तक भ्रष्टाचार का ऐसा मामला नहीं देखा। जंगल में एक कार में 52 किलो सोना, 11 करोड़ नकद मिला। ये बात सामने आ रही है परिवहन विभाग के अंदर चेक पोस्ट की नीलामी हो रही थी।
दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस सरकार का उल्लेख करते हुए कहा,' जब कमलनाथजी की सरकार बनी थी तो इतना दबाव था तत्कालीन सीएम पर कि परिवहन और राजस्व विभाग गोविंदसिंह राजपूत को दिया जाए। क्यों था, इसको सिंधियाजी बताएंगे या और कोई बताएगा… लेकिन दबाव जरूर था। इसमें चूंकि भ्रष्टाचार का माहौल रहता है इसलिए कमलनाथजी ने बोर्ड गठित कर दिया कि किसकी कहां पोस्टिंग रहेगी लेकिन कांग्रेस सरकार गिरने के बाद शिवराजसिंह सीएम बने तो मेरी जो जानकारी है, उसके अनुसार सिंधिया ने दबाव डालकर बोर्ड भंग करवा दिया और तैनाती का पूरा अधिकार तत्कालीन परिवहन मंत्री गोविंदसिंह राजपूत को सौंप दिया।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मेरे पास जो जानकारी आई है इसमें चार लोग शामिल थे। संजय श्रीवास्तव, ऑर्डर करवाते थे, वीरेश, दशरथ सिंह पटेल और सौरभ शर्मा वसूली करते थे। उन्होंने मांग की कि इन सभी की गिरफ्तारी कर मनी ट्रेल का मामला दर्ज करना चाहिए। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस होना चाहिए।
भंग कर दिया बोर्ड:
दिग्विजय सिंह ने कहा, 'पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ऊपर परिवहन विभाग गोविंदसिंह राजपूत को देने का दबाव डाला गया। नियुक्तियों के लिए कमलनाथ ने एक बोर्ड बना दिया था. लेकिन सरकार गिरते ही बोर्ड को खत्म करवा दिया गया। नाके की फिर बोली लगने लगी। जो ज्यादा बोली लगाता था उसे मिलता था।
एक नई प्रक्रिया शुरु हो गई… अब ठेका प्रणाली शुरु हो गई, इस नाके की बोली, उस नाके की बोली.. बोली लगाकर …
सबसे ज्यादा जो वसूली करता था उसकी नियुक्ति माननीय मंत्रीजी के यहां से हो जाती थी.. सौरभ शर्मा कहां किसको देता था…सौरभ शर्मा कटर लगाकर पैसे बाटता था।
दिग्विजय सिंह के आरोप
उठाए सवाल
- इस बात के सबूत मिल रहे हैं कि परिवहन विभाग के अंदर किस प्रकार से चेकपोस्ट की नीलामी हो रही थी और कटर वसूली कर रहा था।
- सौरभ शर्मा साधारण सिपाही, क्या ये पूरी संपत्ति उसकी है
या और किसी की है, ये भी जांच का विषय है।
- मेरे पास जो सूचना आ रही है उसमें ये भी है कि पुलिस - प्रशासन ने मामले को दबाने का पूरा प्रयास किया।
- लोकायुक्त और पुलिस की कारवाई के बीच आयकर विभाग नहीं आता तो शायद कार्रवाई नहीं होती।
Updated on:
24 Dec 2024 07:23 pm
Published on:
24 Dec 2024 06:32 pm
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