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‘गद्दारी’ से शुरू हुई सियासत में दिग्विजय भी कूदे, अब दो राजघराने आमने-सामने

सिंधिया और कांग्रेस में चल रही है सियासी जंग...। जयराम रमेश के बाद अब दिग्विजय सिंह ने बताया 'गद्दार'...।

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भोपाल

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Manish Geete

Apr 07, 2023

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मध्यप्रदेश के राजघराने आमने-सामने।

भोपाल। अप्रैल शुरू होते ही तपिश बढ़ने लगी है, इसी के साथ की सियासत में भी गर्मी छाई हुई है। देश की राजनीति में सिंधिया राजवंश और गद्दारी के मुद्दे पर छींटाकशी का दौर जारी है। अब मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह (Ex CM Digvijya Singh) ने भी इस सियासी जंग में एंट्री कर ली है। दिग्विजय सिंह ने भी सिंधिया को गद्दार, अवसरवादी और मित्रद्रोही बताते हुए सियासत को और हवा दे दी है। यह जंग अब राजघरानों तक पहुंच गई है। राजनीतिक जानकारों की निगाह अब सिंधिया के पलटवार पर टिक गई है।

गौरतलब है कि कांग्रेस के सीनियर लीडर जयराम रमेश (Jairam Ramesh) और भाजपा के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya m Scindia) के बीच ट्वीटर वार छिड़ा हुआ है, एक दूसरे पर पलट-पलट कर सवाल और जवाब भेजे जा रहे हैं। इसी बीच, दिग्विजय सिंह (Ex CM Digvijya Singh) भी इस लड़ाई में कूद गए हैं।

हमेशा ट्वीट से सुर्खियों में रहने वाले दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को सुबह भी एक ट्वीट किया है। यह ट्वीट गुलाम नबी आजाद और सिंधिया को लेकर किया गया है। इस ट्वीट के साथ दिग्विजय सिंह ने फेसबुक का वो आर्टिकल भी शेयर किया है जो पूरी तरह से सिंधिया पर फोकस है। दिग्विजय सिंह ने इस आर्टिकल के जरिए सिंधिया को अवसरवादी और मित्र द्रोही बताते हुए गद्दार भी कहा।

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सोनिया ने बेटे की तरह सम्मान दिया

दिग्विजय सिंह ने एक आर्टिकल फेसबुक पर शेयर किया है जिसमें कहा गया है कि राजनीति में लोग खूब मेहनत करते हैं तब जाकर उन्हें कोई मुकाम मिलता है, लेकिन ज्योतिरादित्य वो शख्स हैं, जिनके राजनीति में पदार्पण करते से ही खूब मिला। वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्रीमंत महाराज माधवराव सिंधिया के असामयिक स्वर्गवास के बाद उनके पुत्र ज्योतिरादित्य को शुरू से ही जैसे कांग्रेस ने कंधों पर बैठा लिया था, सोनिया गांधी उन्हें घर से निकाल कर राजनीति में लाईं। उन्हें अपने बेटे जैसा दुलार दिया। कम उम्र सांसद का टिकिट दिया और केंद्र सरकार में अलग अलग विभागों में मंत्री बनाया। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने सिंधिया को इतना सम्मान दिया जितना उन्होंने कभी किसी राजनेता को नहीं दिया, ऐसा जैसे वे घर के सदस्य हों।

सिंधिया को कहा 'अहसान फरामोश'

आज आप ज्योतिरादित्य सिंधिया का राहुल जी पर दिया बयान सुनेंगे तो आपको यकीन ही नहीं होगा कि कोई इतना अहसान फरामोश भी हो सकता है? सत्ता की चमक और धमक में सिंधिया इतना गिर गए कि प्रेस कांफ्रेंस कर के राहुल जी को अपने निशाने पर लिया। सिंधिया, जो आपने कांग्रेस के साथ किया या जो आप राहुल गांधी के लिए बोल रहे हो वो दोस्ती को कलंकित करने जैसा है। भाई जैसे दोस्त की पीठ पर वार करने में संकोच भी नहीं हो रहा, सच में आश्चर्य है। आप अवसरवादी तो थे ही, मित्रद्रोही भी निकले!