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Dil ki bimari kaise hoti hai- इन कारणों से होता है हार्ट अटैक, ऐसे करें बचाव

दिल की बीमारियों में से एक है हार्ट अटैक जो कि हार्ट तक खून और ऑक्सीजन ना पहुंच पाने के कारण होता है। कई बार दिल को खून सप्लाई करने वाली धमनियों में फैट जम जाता है।

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alka jaiswal

Jul 24, 2017

dil ki bimari kaise hoti hai

dil ki bimari kaise hoti hai


भोपाल। आज के दौर में लोग सबसे ज्यादा दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं जो कि उनके लिए कई बार जानलेवा भी साबित हो जाती हैं। इन बीमारियों के होने की मुख्य वजह है हमारा बदलता लाइफस्टाइल और खानपान, रोज़ाना बढ़ता स्ट्रेस और मेंटल प्रेशर। इसलिए बहुत जरूरी है कि हम अपने दिल का अच्छी तरह से ख्याल रखें जिससे कि बीमारियों से दूर रह पाएं और एक अच्छी लाइफ जी पाएं।

दिल की बीमारियों में से एक है हार्ट अटैक जो कि हार्ट तक खून और ऑक्सीजन ना पहुंच पाने के कारण होता है। कई बार दिल को खून सप्लाई करने वाली धमनियों में फैट जम जाता है जिसके कारण दिल तक खून नहीं पहुंच पाता है और दिल को भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है।

ये होता है साइलेंट हार्ट अटैक
जैसे कि नाम से ही पता चलता है कि साइलेंट हार्ट अटैक नॉर्मल हार्ट अटैक की तरह नहीं होता है। आपको बता दें कि अगर हार्ट अटैक के पूरे मामले देखें जाएं तो उनमें से 25 प्रतिशत केस साइलेंट हार्ट अटैक के होते हैं। इस तरह के हार्ट अटैक में हार्ट अटैक का पता भी नहीं चलता है और इससे उनकी मौत हो जाती है। इसके लक्षण भी नॉर्मल हार्ट अटैक से काफी अलग होते हैं जैसे कि दिखाई ना देना, आदि। इसलिए कभी भी आपको ऐसे कोई भी लक्षण दिखाई दें तो इन्हें नज़रअंदाज़ ना करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

ऐसे रखें अपने दिल का ख्याल
1. रोज़ाना वॉक करना ना सिर्फ हमारे दिमाग को फ्रेश रखता है बल्कि ये हमारे दिल के लिए भी हेल्दी रखता है।
2. धूम्रपान से दूर रहें।
3. ज्यादा फैट से युक्त खाना ना खाएं।
4. रोज़ाना कम से कम 6-8 घंटे की नींद जरूर लें।
5. रोज़ाना कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं।

ये होते हैं हार्ट अटैक के लक्षण
हार्ट अटैक के बहुत से लक्षण ऐसे होते हैं जो कि हमें पहले से ही संकेत देने लगते हैं कि हमारा दिल हेल्दी नहीं है और हमें डॉक्टर से मिलने की जरूरत है। इनमें से कुछ लक्षण हैं...
1. नॉर्मल से ज्यादा पसीना आना।
2. सांस फूलना।
3. सीने में दर्द या ऐंठन होना।
4. हाथों, कंधों, कमर या फिर जबड़े में दर्द होना।
5. मितली आना या फिर उल्टी होना।