
दिवाली के लिए इस बार आकर्षक दीपक बाजार में, ग्राहकों में खरीदारी के प्रति आकर्षण बढ़ा
भोपाल. रोशनी और सुख समृद्धि के पर्व दिवाली की तैयारियां शहर में शुरू हो गई है। पांच दिवसीय दीपोत्सव के दौरान घर की देहरियों पर दीपमालाएं सजाए जाते हैं। इसके लिए इन दिनों शहर में जगह-जगह कारीगर मिट्टी से दीपक तैयार कर रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई कारीगर इन दिनों दीपक बनाने में जुटे हुए हैं। इसी प्रकार बाजारों में देशी और आकर्षक कलाकृतियों वाले दीए भी है। बाजारों में इसकी खरीदारी का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
बाजार में इस बार कई वैरायटियों के दीपक
ध न तेरस के साथ ही पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत हो जाती है और धन तेरस से घरों में दीपमालाएं सजाई जाती है। इस बार कई वैरायटियों के दीपक और कैंडिल बाजार में है। मिट्टी के दीपक भी कई अलग-अलग डिजाइन में बाजारों में उपलब्ध है, जिसकी कीमत 1 रुपए प्रतिनग से लेकर 150 रुपए प्रतिनग तक है। बाजारों में दीपक और प्रतिमाओं की दुकाने भी जगह-जगह सजने लगी है।
रोजाना तैयार कर रहे 5 हजार दीये
कोलार रोड गोलगांव में इन दिनों कारीगर दीपक तैयार कर रहे हैं। युवा कारीगर सोनू और मनोज प्रजापति ने बताया कि वे रोजाना तकरीबन 5 हजार दीपक तैयार कर रहे हैं। इन दिनों दीपक की डिमांड काफी बढ़ जाती है। हमारे पास छोटे और बड़े दीपक है। छोटे दीपक 1 रुपए तो बड़े 10 रुपए प्रतिनग है। हमसे कई थोक विक्रेता दीये ले जाते हैं, दिवाली से पहले हमें आर्डर मिल जाते हैं। पढाई के साथ सीजन में हम दीएबनाने का काम करते हैं।
अलग-अलग कलाकृतियों के दीये, 25 बातियां एकसाथ जल सकती हैं
दीपोत्सव के लिए शहर में सामान्य दीपकों के साथ-साथ अलग-अलग कलाकृतियों के दीपक भी है। इन दीपकों की कीमत 2 रुपए से 150 रुपए प्रतिनग तक है। यह दीपक सामान्यतया कोलकाता की मिट्टी से बने होते हैं और कोलकाता से आते हैं। दीपक विक्रेता विकास प्रजापति ने बताया कि हमारे पास 150 रुपए कीमत तक के दीपक है। 150 रुपए वाले दीपक की खासियत यह है इसमें 25 बातियां एकसाथ जल सकती है। इसी प्रकार अलग-अलग आकार वाले दीये भी हमारे पास है। जिसमें गोल, चौकोर सहित अन्य आकार के दीए है। दीयों की बिक्री का सिलसिला शुरू हो गया है और आने वाले दिनों में अच्छी बिक्री की उम्मीद है।
Published on:
15 Oct 2022 01:19 am
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