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उलझन में जिले की इ-सेवाएं…तीन एजेंसियां, समन्वय नहीं, नतीजा आमजन परेशान

भोपाल.इंट्रो…जिले में इ-सुविधा व सेवाओं को आमजन तक पहुंचाने का जिन एजेंसियों को जिम्मा दिया है, उनमें तालमेल ही नहीं है। बीते कई दिनों से लोक सेवा केंद्रों से लेकर पंजीयन कार्यालय, अस्पताल समेत अन्य विभागों में सर्वर दिक्कत दे रहा है। जिले में एनआइसी से लेकर इ-गवर्नेंस और लोक सेवा के लिए अलग-अलग इंचार्ज […]

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भोपाल.
इंट्रो…जिले में इ-सुविधा व सेवाओं को आमजन तक पहुंचाने का जिन एजेंसियों को जिम्मा दिया है, उनमें तालमेल ही नहीं है। बीते कई दिनों से लोक सेवा केंद्रों से लेकर पंजीयन कार्यालय, अस्पताल समेत अन्य विभागों में सर्वर दिक्कत दे रहा है। जिले में एनआइसी से लेकर इ-गवर्नेंस और लोक सेवा के लिए अलग-अलग इंचार्ज व टीम नियुक्त है, लेकिन इनमें समन्वय ही नहीं है। जिससे इ-सेवाओं- सुविधाओं को प्राप्त करने आमजन परेशान हो रहे हैं।

ऐसे समझे स्थिति

  • जिले में इ-गवर्नेंस की टीम, नेशनल इंफोरमेटिक्स सेंटर की टीम के साथ लोक सेवा केंद्र की टीम अलग है। ऑनलाइन सेवाओं और सुविधाओं को आमजन तक पहुंचाने के लिए यही जिम्मेदार है।
  • इ-गवर्नेंस समग्र, आरसीएमएस जैसे पोर्टल का कामकाज देखती है, जबकि इ-डिस्ट्रीक्ट पोर्टल एनआइसी के जिम्मे है। लोकसेवा केंद्र की सेवाओं का संचालन अलग टीम करती है।
  • इ-गवर्नेंस की सेवाएं इ-डिस्ट्रीक्ट से लेकर समग्र जैसे पोर्टल से चलती है, लेकिन जिम्मेदारी की बात आत है इ-गवर्नेंस वाले इससे अलग हो जाते हैं।
  • सर्वर डाउन होने से पंजीयन से लेकर आरटीओ की सेवाएं प्रभावित होती है, लेकिन इसे इ-गवर्नेंस मामला बताकर एनआइसी की टीम खुद को अलग कर लेती है।
  • लोकसेवा केंद्र एनआइसी के सर्वर से चलते हैं और आधार समेत तमाम सेवाएं यहीं से जुड़ी है, बावजूद इसके एनआइसी या इ-गवर्नेंस ेकोई तालमेल नहीं है।

प्रभारी की बातें भी अलग
इ-गवर्नेंस के प्रभारी विकास गुप्ता का कहना है कि पोर्टल का डेवलपमेंट एमपीएसइडीसी करता है। इसमें इ-गवर्नेंस वालों की कोई भूमिका नहीं है। जिले में एनआइसी के प्रभारी बीपी खेलवाल है। इ-डिस्ट्रीक्ट पोर्टल एनआइसी ने बनाया है, लेकिन दिक्कत पर इ-गवर्नेंस की जिम्मेदारी बता रहे हैं। लोकसेवा केंद्र की जिम्मेदारी जिले में प्रसून जोशी के पास है और एनआइसी का सर्वर डाउन होने और सेवाएं प्रभावित होने के बावजूद ये इसे मानने को तैयार नहीं है। ये इस सेवा को अलग ही बता रहे हैं।

एजेंसियां मिले तो बने राहत

- आइटी एक्सपर्ट केजी चतुर्वेदी का कहना है कि आइटी से जुड़ी एनआइसी से लेकर एनपीएसइडीसी हो या फिर लोक सेवा केंद्र। सभी अंतत: जिले में आमजन सेवा और सुविधा के लिए है। एक समान काम होने से इन्हें आपस में जोड़ना चाहिए, ताकि जिम्मेदारी तय हो। ऐसा नहीं होने पर आइटी सेवाओं में परेशानी बनी रहेगी।