
भोपाल। 27 साल बाद दीपावली पर एक महासंयोग बन रहा है। इस संयोग में मां लक्ष्मी की पूजा करना विशेष फलदाई माना जाता है। माना जाता है कि इस संयोग में धन की देवी की पूजा करने से मां लक्ष्मी की जमकर कृपा बरसती है।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार इस बार दीपावजी यानि 19 अक्तूबर को सुबह 7.18 बजे हस्त नक्षत्र रहेगा। इसके बाद चित्रा नक्षत्र लगने के साथ ही गुरु चित्र? योग ग शुरू हो जाएगा, जो कि अगले 24 घंटे तक रहेगा। इससे पहले वर्ष 1990 में गुरुवार के दिन चित्रा नक्षत्र में जब दीपावली आई थी, तब यह संयोग बना था।
वहीं दीपावली पर पदम योग, सूर्य और बुध की युति होने से बुधादित्य योग भी बन रहा है। ज्योतिषों के अनुसार यह योग व्यापारी वर्ग के लिए विशेष फलदाई है। इसके साथ ही आम लोगों के लिए भी यह योग शुभ माना जा रहा है।
जानकारों के अनुसार अमावस्या तिथि गुरुवार और चित्रा नक्षत्र का मिलन 27 वर्ष बाद जबकि चतुर्ग्रही योग का संयोग 12 वर्ष बाद बन रहा है। सूर्य, चंद्रमा, बुध और बृहस्पति चारों ग्रह तुला राशि पर रहेंगे। इस संयोग में खरीदारी करना शुभ माना जाता है।
वहीं, पंडित शर्मा का यह भी कहना है कि इस संयोग में खरीदारी करना शुभ माना जाता है। यह संयोग अब चार साल बाद यानी वर्ष 2021 में बनेगा। वैसे भी बृहस्पतिवार को (सोना) आभूषण, भूमि, वाहन का क्रय करना शुभप्रद होता है।
उन्होंने बताया कि 19 अक्तूबर को सुबह 7.18 मिनट तक हस्त नक्षत्र रहेगा। इसके बाद चित्रा नक्षत्र लगेगा। चित्रा नक्षत्र 20 अक्तूबर को सुबह 8.30 बजे तक रहेगा। इस बार दीवाली पर प्रदोषकाल शाम 5.38 मिनट से रात 8.14 मिनट तक रहेगा, इस दौरान पूजा करना अतिशुभ रहेगा।
Laxmi Puja में इन चीजों का करें इस्तेमाल :
मां की पूजा-आराधना करते समय कलावा, रोली, सिंदूर, एक नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र , फूल, पांच सुपारी, लौंग, पान के पत्ते, घी, कलश, कलश के लिए आम का पल्लव, चौकी, समिधा, हवन कुण्ड, हवन सामग्री, कमल गट्टे, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल), फल, बताशे, मिठाईयां, पूजा में बैठने हेतु आसन, हल्दी , अगरबत्ती, कुमकुम, इत्र, दीपक, रूई, आरती की थाली, कुशा, रक्त चंदनद, श्रीखंड चंदन पूजन सामग्री का इस्तेमाल करें।
Laxmi Puja शुरू करने से पहले इन बातों का रखें ख्याल
मां लक्ष्मी की पूजा शुरू करने से पहले चौकी को धोकर रंगोली बना लें और फिर चौकी के चारों तरफ दीपक जलाएं। मां की मूर्ति को जहां भी स्थापित करने जा रहे हैं वहां थोड़े से चावल भी जरूर डालें. मां को प्रसन्न करने के लिए उनके बाईं ओर भगवान विष्णु की मूर्ति को स्थापित करें. पुष्प, फल, सुपारी, पान, चांदी का सिक्का, नारियल (पानी वाला), मिठाई, मेवा, आदि सभी सामग्री थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेकर दीपावली पूजन के लिए संकल्प लें।
दिवाली वाले दिन जो बात आपको विशेष रूप से ध्यान रखनी चाहिए वो ये है कि इस दिन मां लक्ष्मी को लाल वस्त्र जरूर पहनाएं। कलश की स्थापना करने के बाद मां लक्ष्मी की आराधना करें।
इस मंत्र से होती है मां लक्ष्मी की पूजा:
'ऊं अपवित्र: पवित्रोवा सर्वावस्थां गतोऽपिवा. य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तर:।'
Published on:
13 Oct 2017 01:00 pm
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