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हमीदिया हादसे के दो सप्ताह बाद भी अंतिम संस्कार को तरस रहा मासूम का शव

एक मां ने बच्चे का शव लेने से मना कर दिया था, उनका कहना था कि यह बच्चा उनका नहीं है.

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Patrika Opinion : लापरवाही की इस आग का इलाज जरूरी

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भोपाल. हमीदिया अस्पताल में हुए अग्निकांड में कई मासूमों की मौत हो गई थी, इस हादसे में एक मामला ऐसा भी सामने आया था, जिसमें एक मां ने बच्चे का शव लेने से मना कर दिया था, उनका कहना था कि यह बच्चा उनका नहीं है, उनका बच्चा जीवित है, ऐसे में हमीदिया प्रशासन ने डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय लिया था। लेकिन दो सप्ताह बाद भी रिपोर्ट नहीं आने के कारण मासूम के शव का अंतिम संस्कार अभी तक नहीं हुआ है।


जानकारी के अनुसार सोनाली नामक महिला का बच्चा हमीदिया अस्पताल में भर्ती था, चूंकि आग लगने के बाद जब बच्चों को शिफ्ट किया जा रहा था, तब सोनाली की मौसी ने बच्चे को जीवित देखा था, इसके बाद जब अस्पताल द्वारा बच्चे को मृत बताकर शव दिया जाने लगा, तो सोनाली ने यह कहकर मना कर दिया कि उनका बच्चा जीवित है, उन्हें अपना बच्चा चाहिए, इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय लिया था।


9 नवंबर से मर्चुरी में रखा है शव
सोनाली द्वारा जब बच्चा को नहीं लिया गया तो अस्पताल द्वारा शव को मर्चुरी में रखा गया, तब से अब तक बच्चे का शव मर्चुरी में रखा है, क्योंकि डीएनए रिपोर्ट नहीं आने के कारण अभी तक बच्चे को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है।


डीएनए को लेकर असमंजस
डीएनए रिपोर्ट को लेकर काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जानकारी के अनुसार सोनाली को अभी तक रिपोर्ट नहीं मिली है, उसने रिपोर्ट लेने के लिए 14 नवंबर को सम्पर्क किया था, लेकिन उन्हें यह कहकर टाल दिया कि कल आकर ले जाना, लेकिन जब वे दूसरे दिन थाने पहुंची तो कहा कि अलमारी में रखी है, लेकिन थाना प्रभारी नहीं है, पूनम के अनुसार हेडकांस्टेबल और थाना प्रभारी की बात उन्होंने सुनी, जिसमें उन्हें पता लगा कि रिपोर्ट मैच नहीं हुई है, इसलिए रिपोर्ट नहीं दी जा रही है, वहीं अरूण का सैंपल लेने के लिए भी कहा, फिर अरूण का सैंपल भी लिया, लेकिन उसकी रिपोर्ट भी नहीं आई है। ऐसे में उस मासूम के शव को अभी ओर भी इंतजार करना पड़ सकता है।

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रिपोर्ट नहीं आई है।
इस मामले में थाना प्रभारी अनिल बाजपेयी का कहना है कि सोनाली का सैंपल भेज था, अब अरूण का सैंपल भी भेजा है, डीएनए रिपोर्ट नहीं आई है। वहीं सोनाली की मौसी का कहना है कि अस्पताल द्वारा जो शव दिया जा रहा है वह हमारा नहीं है, अस्पताल द्वारा शव को मर्चुरी में रखा है।