Corona New Variant Awareness : एम्स में मुफ्त आरटीपीसीआर जांच, कोरोना से पीड़ित होने वालों में जेएन-1 के लक्षण वाले मरीज ज्यादा। चिकित्सक बोले- मास्क पहनें और सतर्क रहें।
Corona New Variant Awareness : देशभर में बेकाबू हो रहा कोरोना मध्य प्रदेश के आर्थिक नगर इंदौर में भी तेजी से पांव पसार रहा है। यही नहीं, कोरोना के जेएन-1 वैरिएंट के भोपाल में दस्तक देने की आशंका के मद्देनजर सरकारी अस्पतालों में आनन-फानन में ऑक्सीजन प्लांटों की क्रियाशीलता का मॉकड्रिल किया गया। इस बीच एम्स, भोपाल के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. अजय सिंह ने जेएन-1 वैरिएंट से डरने की नहीं, बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा- अब हर साल इस मौसम में कोरोना के नए-पुराने वैरिएंट एक्टिव होंगे, जो लोगों को संक्रमित करेंगे। इससे कुछ भी करके पूरी तरह से बचा नहीं जा सकता।
एम्स के वरिष्ठ अधिकारियों ने जिनोम सीक्वेंसिंग करने के लिए इंदौर के संक्रमित मरीजों के सैंपल मिलने से इनकार किया है। वहीं इंदौर जिला स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए कोरोना संक्रमितों के सैंपल एम्स भोपाल भेजे गए हैं।
एम्स में कोरोना जांच के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट मुफ्त किया जा रहा है। निजी अस्पतालों में इस जांच के लिए 900 से 1250 रुपए तक देने होते हैं। वहीं, निजी लैब में भी यही फीस लगती है। जांच की रिपोर्ट 1 से 2 दिन में मिल जाती है।
डॉ. अजय सिंह ने बताया कि एम्स में कोरोना की मुफ्त आरटीपीसीआर जांच की जा रही है। संक्रमित लोगों के इलाज के लिए अलग से एक वार्ड भी तैयार किया गया है। जरूरत पडऩे पर ही कोरोना की जांच की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन लगातार बुखार या सर्दी-जुखाम रहे या सांस लेने में परेशानी होने पर डरें नहीं, शीघ्र डॉक्टर को दिखाएं। सीधे जांच कराने के लिए अस्पताल में भीड़ बढ़ाने के लिए नहीं आएं।
डॉ. अजय सिंह का कहना है कि जेएन-1 वैरिएंट बहुत अधिक संक्रामक है, लेकिन यह पहले से अब बहुत कमजोर हो चुका है। इससे डरने के बजाय सतर्क रहने की जरूरत है, डॉ. सिंह ने भीड़-भाड में जाने पर अनिवार्य रूप से मास्क पहने की सलाह दी है।