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लॉकडाउन और कर्फ्यू में जान लीजिए फर्क और कर लीजिए फैसला आपको क्या चाहिए

मध्य प्रदेश में 'जनता कर्फ्यू' के मौके पर कई जिलों को लॉकडाउन करने का निर्देश दे दिए गए

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भोपाल. मध्य प्रदेश में 'जनता कर्फ्यू' के मौके पर कई जिलों को लॉकडाउन करने का निर्देश दे दिए गए। इसके अलावे सार्वजनिक परिवाहन सेवाओं पर भी बड़े स्तर पर रोक लगा दी गई। कई लोग इस स्थिति को कर्फ्यू से जोड़कर देख रहे हैं। कई लोग ऐसे भी हैं जो बेवजह घर से बाहर निकल रहे हैं। यही कारण है कि कई राज्य सरकारों ने अपने यहां कर्फ्यू लगा दी है। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि लॉकडाउन और कर्फ्यू में क्या अंतर है।

क्या है लॉकडाउन

बड़ी संख्या में लोगों को क्वारैंटाइन में रखने के लिए लॉकडाउन बेहतर स्थिति होती है। यह आमतौर पर तब लगाया जाता है जब लोगों के क्वारैंटाइन की स्थिति इमरजेंसी जैसी हो जाती है। जिन जगहों पर लॉकडाउन होता है। वहां के लोग आपात स्थितियों के अलावा एक निश्चित इलाके से बाहर नहीं जा सकते।

क्या है कर्फ्यू

किसी भी देश के कानून के तहत अगर कर्फ्यू लगाया जाता है तो लोग इमरजेंसी छोड़कर किसी भी स्थिति में अपने घरों से बाहर नहीं निकल सकते। इसका मुख्य मकसद लोगों को सड़कों से दूर रखने का होता है। इसका उल्लंघन करने वालों पर कानून के तहत कार्रवाई की जाती है और जेल में भी डाला जा सकता है।

कर्फ्यू और लॉकडाउन में अंतर

कर्फ्यू और लॉकडाउन के बीच प्रशासनिक गतिविधियों का फर्क होता है। आमतौर पर कर्फ्यू बेहद गंभीर स्थिति में लगाया जाता है। कर्फ्यू के दौरान सिर्फ वही सेवाएं चालू रहती हैं जो बेहद जरूरी हों। जितनी देर कर्फ्यू रहता है, उतनी देर जरूरी सेवाएं भी बंद रहते हैं। जब कर्फ्यू में ढील दी जाती है तभी सारी सेवाएं भी लोगों को मुहैया कराई जाती है।