ग्रामीण क्षेत्रों में प्रॉपर्टी के दामों में 17 फीसदी तक बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई है। जिससे इन जगहों पर अवैध कॉलोनी में भी प्लॉट खरीदना भी महंगा हो जाएगा। अपनी छत का सपना साकार करने से पहले उसे रजिस्ट्री कराने में अच्छा खास स्टाम्प चुकाना होगा। इसके बाद भी उसे वैध कॉलोनी का दर्जा नहीं मिलेगा। सीवेज, सड़कें, पानी जैसी मूलभूत जरूरतें भी पूरी करने के लिए भारी मश्कत्त करनी होगी। राजधानी से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में कई प्रोजेक्ट के लिए जमीन पर काम शुरू हो गया है, लेकिन निर्माण कम ही जगह शुरू हुआ। उन्हें पता है कि यहां बड़े स्तर पर निर्माण कर फ्लैट या ड्यूप्लेक्स नहीं बेच सकते। इसके लिए कई प्रकार की अनुमति की जरूरत होती है, एसे में यहां प्लॉटिंग कर बेचने का काम चल रहा था। प्रशासन की कार्रवाई के बाद इस पर भी कुछ समय से लगाम कस चुकी है।
यहां किए बढ़े हुए रेट प्रस्तावित (रेट वर्ग प्रतिमीटर में)
स्थान | वर्तमान रेट | प्रस्तावित |
नीलकंठ कॉलोनी नीलबड़ | 4000 | 5000 |
विशनखेड़ी सड़क पर | 2800 | 5000 |
बरखेडीकलां अन्य सड़क पर | 3600 | 5000 |
बरखेड़ीखुर्द सड़क पर | 4400 | 6000 |
बरखेड़ीखुर्द अन्य सडक पर | 3600 | 5000 |
खुदागंज अन्य सड़क पर | 3600 | 5000 |
ग्रामीण क्षेत्र के 731 स्थानों पर बढ़ाए दाम शहरी 2478 स्थान, ग्रामीण 731 स्थान, 140 नए स्थान जमीनें महंगी हुई तो सटे क्षेत्रों में पहुंची जनता कलेक्टर गाइडलाइन में जमीनों के रेट में की जा रही बढ़ोतरी का ही परिणाम है कि शहरी क्षेत्र में जमीनों के दाम आसमान पर पहुंच चुके हैं। एसे में शहर से सटी खेजी की जमीनों पर कट रहीं अवैध कॉलोनी में हो रही प्लॉटिंग में जनता सस्ते के चक्कर में लुट रही है। लेकिन अब ग्रामीण क्षेत्रों की कॉलोनी में भी रेट बढ़ाना प्रस्तावित कर दिया, वो भी बिना नियम पूरे किए।