
भोपाल। पासपोर्ट के लिए आवेदन कर रहे हैं और ईसीएनआर (इमिग्रेशन चेक नॉट रिक्वायर्ड) कैटेगरी में पासपोर्ट चाहते हैं तो भूल कर भी फर्जी मार्कशीट मत लगाइएगा। क्योंकि पासपोर्ट विभाग ने तय किया है कि फर्जी मार्कशीट लगाने वाले आवदेकों को पेनाल्टी के बाद भी ईसीएनआर कैटेगरी का पासपोर्ट जारी नहीं किया जाएगा। रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर रश्मि बघेल ने बताया कि अगर आवेदक ईसीएनआर (इमिग्रेशन चेक नॉट रिक्वायर्ड) कैटेगरी में पासपोर्ट बनवाना चाहता है तो उसे हाईस्कूल की मार्कशीट बतौर एजुकेशनल प्रूफ दिखानी होती है। वहीं हाईस्कूल से कम पढ़े-लिखे आवेदकों को ईसीआर इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड कैटेगरी में पासपोर्ट जारी होता है।
इस तरह के पासपोर्ट होल्डर्स से विदेश जाते समय एयरपोर्ट के इमिग्रेशन काउंटर पर आम आवेदक से अधिक पूछताछ होती है। बता दें, मप्र में पिछले कुछ समय से ईसीएनआर पासपोर्ट की चाहत रखने वाले आवेदक फर्जी मार्कशीट का सहारा ले रहे हैं। पासपोर्ट ऑफिस में हर महीने ऐसे करीब 15 से 20 केसेज आ रहे हैं।
पढ़े-लिखे नहीं हैं तो ऐसे मिल सकता है ईसीएनआर पासपोर्ट
पासपोर्ट ऑफिसर ने बताया कि अगर आवदेक 10वीं पास नहीं है तो वो इंकम टैक्स रिटर्न या विदेश में तीन साल रहा है तो ऐसी स्थिति में उसे बिना मार्कशीट के ही ईसीएनआर कैटेगरी में पासपोर्ट री-इश्यू कर दिया जाता है। लेकिन नए नियमों के तहत अगर आवेदक ने पासपोर्ट बनवाने के लिए फर्जी मार्कशीट लगाई है तो भले ही वो इंकम टैक्स रिटर्न भरता हो या तीन साल विदेश में रहा हो, फिर भी उसे ईसीएनआर कैटेगरी में पासपोर्ट जारी नहीं किया जाएगा।
मप्र स्टेट ओपन स्कूल की मार्कशीट में ज़्यादा फर्जीवाड़ा
बता दें, अप्रेल 2019 में आयोजित पासपोर्ट अदालत में सबसे ज़्यादा केस फर्जी मार्कशीट से जुड़े आए थे। इनमें ज़्यादातर मार्कशीट मप्र स्टेट ओपन स्कूल की थीं, जबकि कुछ मार्कशीट सीबीएसई की थीं। पासपोर्ट अधिकारी ने बताया कि मार्कशीट की बनावट व फॉन्ट पर संदेह होते ही इन्हें वेरिफिकेशन के लिए भेजा जाता है, जहां से पुष्टि होने के बाद ही आगे की प्रक्रिया की जाती है। मार्कशीट फर्जी पाए जाने पर आवेदक पर 5 से 50 हजार रुपए तक जुर्माना व क्रिमिनल केस भी दर्ज कराए जाने का प्रावधान है।
Published on:
27 Oct 2019 12:02 pm
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