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एक किस्साः मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को क्यों शूट करना चाहते थे एक राज्यपाल

ek kissa-मध्यप्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल बलराम जाखड़ की पुण्यतिथि पर जानिए वो दिलचस्प किस्सा, जिसे आज भी याद किया जाता है...।

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भोपाल

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Manish Geete

Feb 03, 2023

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राजनीति का वो किस्सा जिसे आज भी याद किया जाता है।

भोपाल। यह किस्सा तब का है जब राज्य सरकार और राजभवन के बीच टकराव चल रहा था। केंद्र में कांग्रेस और मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकारें थीं। मध्यप्रदेश के राज्यपाल बलराम जाखड़ (Balram Jakhar) थे और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री थे शिवराज सिंह चौहान। तब राज्यपाल के एक बयान ने मध्यप्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल पैदा कर दी थी। उन्होंने भरे मंच से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj singh chauhan) को शूट करने की बात कह दी थी। राजनीतिक गलियारों में काफी दिनों तक यह बात सुर्खियों में रही और उसकी चर्चा आज तक की जाती है।

patrika.com पर मध्यप्रदेश के राज्यपाल रहे बलराम जाखड़ की पुण्य तिथि का वो रोचक किस्सा...।

पंजाब के फिरोजपुर के पंजकोसी गांव में 23 अगस्त 1923 को जन्मे बलराम जाखड़ 3 फरवरी 2016 को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। जाखड़ 30 जून 2004 से 29 जून 2009 तक पूरे पांच साल तक मध्यप्रदेश के राज्यपाल रहे।

मध्यप्रदेश की राजधानी में एक कार्यक्रम हुआ, जिसमें राज्यपाल के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे। तभी अचानक अपने संबोधन में राज्यपाल जाखड़ ने भावनात्मक होकर कह दिया कि 'शिवराज काम करो, नहीं तो मैं शूट कर दूंगा।' यह बयान सरकार और राजभवन के टकराव की ओर इशारा कर रहा था। यह बयान काफी दिनों तक सुर्खियों में रहा। मीडिया ने इस पर कई खबरें आती रही। उस कार्यक्रम की चर्चा कई सालों तक राजनीतिक गलियारों में होती रही।

तीन मुख्यमंत्रियों को दिलाई थी शपथ

मध्यप्रदेश के राज्यपाल रहते हुए बलराम जाखड़ ने तीन मुख्यमंत्रियों को शपथ दिलाई थी। जून 2004 में राज्यपाल बनने के दो माह बाद उमा भारती ने इस्तीफा दिया था। इस घटनाक्रम के बाद बाबूलाल गौर को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी। एक बार फिर राजीतिक घटनाक्रम बदला और बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री घोषित कर दिया। इसके बाद बलराम जाखड़ ने शिवराज सिंह को भी शपथ दिलाई थी। डेढ़ साल का समय बीच का हटा दिया जाए तो शिवराज सिंह चौहान तभी से लगातार मुख्यमंत्री हैं।

यह भी है किस्से

राज्यपाल रहते हुए बलराम जाखड़ का दूसरा किस्सा भी काफी मशहूर है। वे एक बार इंदौर गए और एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, तभी अचानक उन्होंने इंदौर के ही बहुचर्चित पेंशन घोटाले का मुद्दा उठा दिया था। माहौल में सन्नाटा पसर गया था। जाखड़ ने कहा था कि जो गरीब का पैसा खाएगा उनको कीड़े पड़ेंगे। तेज तर्रार बलराम जाखड़ का बयान काफी दिनों तक चर्चाओं में रहा।

लंबाई बन गई थी परेशानी

जाखड़ हमेशा अपनी लंबाई के कारण भी चर्चाओं में बने रहते थे। उनकी लंबाई साढ़े छह फीट थी। एक किस्सा गेस्ट हाउस का भी है, जहां वे एक कार्यक्रम के दौरान ठहरने गए तो प्रशासन ने उनके लिए विशेष इंतजाम किए थे। आम तौर पर छह फीट के ही पलंग हुआ करते हैं, लेकिन राज्यपाल की लंबाई को देखते हुए विशेष लंबाई वाला पलंग तैयार करवाया गया था। इसकी खूब चर्चाएं हुई थी।

लंबाई के कारण छोड़ी मर्सिडीज कार

बलराम जाखड़ लंबाई के कारण सरकारी मर्सिडीज में नहीं बैठ पाते थे। उनके पैर आगे वाली सीट पर टकराते थे और सिर कार की छत पर टकराता था। यही कारण है कि उन्हें बैठने में काफी तकलीफ होती थी। उनके लिए दूसरी कार खरीदी और उसे मोडीफाई करवाया गया। जब तक वे राज्यपाल रहे, उसी कार में आराम महसूस करते थे।

इतने बड़े शरीर में था कोमल दिल

बलराम जाखड़ जितने तेज तर्रार और बेबाक बोलने वाले थे उनका दिल उतना ही कोमल था। लंबे चौड़े शरीर वाले बलराम जाखड़ किसी का दर्द नहीं देख सकते थे। प्रदेश के सरकारी कार्यक्रमों में कभी कभी ऐसा वक्त भी आता था, जब वे भावुक हो जाते थे और भरे मंच पर ही रोने लगते थे।

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