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Breaking: स्वर्णों को भाजपा का बड़ा झटका, SC-ST के लिए लेकर आ रही है यह बड़ी योजना

Breaking: स्वर्णों को भाजपा का बड़ा झटका, SC-ST के लिए लेकर आ रही है यह बड़ी योजना

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Breaking: स्वर्णों को भाजपा का बड़ा झटका, SC-ST के लिए लेकर आ रही है यह बड़ी योजना

भोपालः मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव सर पर हैं। वैसे तो एमपी बीजेपी चुनावी समीकरण अपने अनुकूल करने के लिए हर संभव प्रयास ककर रही है। लेकिन SC-ST एक्ट के विरोध में हुए सवर्ण आंदोलन से बीजेपी को चुनावी समीकरणों में संकट दिखता नज़र आ रहा है। फिलहाल, बीजेपी अपने मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए हर वर्ग को साधने की कोशिश कर रही है। इसी के चलते ओबीसी महाकुंभ के बाद अब पार्टी वाल्मीकि महाकुंभ करने की तैयारी कर रही है। प्रदेश की राजधानी भोपाल में होने वाले वाल्मीकि महाकुंभ के जरिए पार्टी एससी वर्ग के उन वोटरों को लुभाने की कोशिश करेगी, जिनसे पार्टी को चुनावी लाभ मिल सके।

सबकों साथ लेकर चलने की तैयारी में भाजपा

हालांकि, प्रदेश भाजपा के सामने सबसे बड़ा धर्म संकट यह है कि, एक को मनाते हैं तो दूसरा नाराज़ हो जाता है। यानि एससी सरकार अगर एसटी वर्ग को मनाए तो उसे सवर्णों की नाराज़गी देखनी पड़ती है। भाजपा को यह पता है कि, यही दो लोग हैं जो प्रदेश में राजनीतिक समीकरण बिगाड़ सकते हैं और यही वह दो लोग हैं जो प्रदेश में राजनीतिक समीकरण बना सकते हैं। इस गंभीर असमंजस में उलझी भाजपा ने शायद अब इस सिद्धांत पर काम करना शुरु कर दिया है कि, कर्म करे जा फल की चिंता ना कर। इसी सिद्धांत पर चलते हुए बीच मझधार में फंसी भाजपा ने अपनी चुनावी नैया पार लगाने के लिए महाकुंभों का सहारा लेना शुरु कर दिया है। इससे पहले भाजपा ने सतना में ओबीसी महाकुंभ किया, जिसके अच्छे परिणाम पार्टी के सामने आए। इसी के तहत अब पार्टी भोपाल में वाल्मीकि महाकुंभ करने जा रही है। वाल्मीकि महाकुंभ एक अक्टूबर को होना है। उसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल होंगे। पार्टी ने महाकुंभ की तैयारी के सिलसिले में वाल्मीकि समाज के लोगों के साथ रणनीति भी तैयार कर चुकी है।

सवर्णों की नाराज़गी

दरअसल, भाजपा की समस्या यह है कि अगर वो एक्ट के समर्थन में आती है तो सवर्ण समाज की नाराज़ हो जाएगा, जिसका असर चुनाव में पड़ सकता है, वहीं, अगर सरकार एक्ट को लेकर कमज़ोर रव्य्या अपनाती है तो एससी वर्ग के वोटरों की नारज़गी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में पार्टी ने तय किया है कि, वह सभी वर्गों के साथ है। फिलहाल, पार्टी द्वारा एक अक्टूबर को कराए जा रहे वाल्मीकि महाकुंभ से सवर्णों को ऐसा लग रहा है कि, सरकार अभी भी एससीएसटी वर्ग की मांगों के समर्थन में है।