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फर्जी वोटर लिस्ट मामलाः चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट सुना सकता है बड़ा फैसला

फर्जी वोटर लिस्ट मामलाः चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट सुना सकता है बड़ा फैसला

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भोपाल

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Manish Geete

Oct 08, 2018

Sabarimala Temple

Suprem Court

भोपाल/नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में नवंबर माह में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले फर्जी वोटर लिस्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आ सकता है। सोमवार को दिल्ली में हुई सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

मध्यप्रदेश के फर्जी वोटर लिस्ट मामले में कुछ दिनों पहले मध्यप्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।

क्या बोला चुनाव आयोग
सुप्रीम कोर्ट में फर्जी मतदाता सूची पर दोपहर में सुनवाई हुई।
-चुनाव आयोग ने याचिका का विरोध किया।
वोटर लिस्ट की खामियों को पहले ही दुरुस्त कर लिया गया है।
-यह चुनाव आयोग को बदनाम करने की साजिश है।

फर्जी मतदाता सूची मामले में सुप्रीम कोर्ट में कमलनाथ की याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता सूची ठीक कर ली गई है।
-कमलनाथ ने कहा कि हमें टेक्स फॉर्मेट में वोटर लिस्ट नहीं मिली है।

पिछली सुनवाई पर क्या हुआ था
इससे पहले 19 सितंबर को चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ की ओर से लगाई गई एक याचिका पर जवाब दिया था। आयोग ने कमलनाथ और कांग्रेस पार्टी की याचिका पर शपथ पत्र दायर कर कहा था कि याचिकाकर्ता या उसकी पार्टी के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है कि वह देश में चुनाव कराने के लिए किए जा रहे कामों पर सवाल उठाए।

आयोग ने कांग्रेस को लताड़ते हुए कहा था कि कमलनाथ और उनकी पार्टी बार-बार एक ही मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट आकर आयोग के काम में रुकावट न बनें। आयोग ने हलफनामे में कहा कि कांग्रेस नेता नाथ और कांग्रेस यह आग्रह नहीं कर सकते कि आयोग को एक निश्चित तरीके से चुनाव करवाने का निर्देश दे दिया जाए।


और क्या-क्या कहा था आयोग ने
-आयोग ने कहा कि कमलनाथ की याचिका दिग्भ्रमित करने वाली और दुर्भावनापूर्ण है। कांग्रेस चाहती है कि आयोग उनकी व्यक्तिगत इच्छाओं के अनुरूप चुनाव करवाए।
-आयोग ने कहा कि वोटिंग मशीनों की भारी कमी का आरोप भी गलत है। यह भी आरोप कि मशीनों को एक ही पार्टी के पक्ष में वोट प्राप्त करने के लिए बनाया गया है, बेहद झूठा, मनगढ़ंत और सख्त खारिज करने योग्य है।
-इस याचिका को भारी जुर्माना लगाकर खारिज करना चाहिए।

ऐसी थी कमलनाथ की याचिका
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें कहा था कि मध्यप्रदेश में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए फर्जी वोटरों को मतदाता सूची से हटा दिया जाए। इस पर चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
-वीवीपैट पर्चियों के सत्यापन की मांग भी की गई थी।
-ईवीएम और वोटों का मिलान वीवीपैट पर्चियों से होना चाहिए।
-हर विधानसभा सीट में 10 प्रतिशत बूथों की वीवीपैट का मिलान हो।
-इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि याचिकाकर्ता का वीवीपैट मशीनों में खराबी का आरोप पूरी तरह से झूठा और भ्रामक हैं।