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MP Assembly Election 2023: सिंधिया समर्थक को टिकट के बाद इस सीट पर बढ़ी कांग्रेस की टेंशन, यहां होगी कांटे की टक्कर

Assembly Election 2023 : दोनो ही सीटों पर वर्तमान विधायकों को ही टिकट दिए गए हैं, जिसकी पहले से ही पूरी संभावना थी। इससे पहले दूसरी सूची में उदयपुरा विधानसभा से नरेंद्र शिवाजी पटेल के नाम की घोषणा की गई थी। भाजपा ने भोजपुर विधानसभा से प्रत्याशी की घोषणा को रोक कर असमंजस और गहरा दिया है।

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Assembly Election 2023 : चुनाव की आचार संहिता लागू होते ही भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी कर दी, जिसमें जिले की दो विधानसभाओं सांची और सिलवानी के लिए प्रत्याशियों के नाम भी शामिल हैं। दोनो ही सीटों पर वर्तमान विधायकों को ही टिकट दिए गए हैं, जिसकी पहले से ही पूरी संभावना थी। इससे पहले दूसरी सूची में उदयपुरा विधानसभा से नरेंद्र शिवाजी पटेल के नाम की घोषणा की गई थी। भाजपा ने भोजपुर विधानसभा से प्रत्याशी की घोषणा को रोक कर असमंजस और गहरा दिया है।

इस सीट पर भाजपा के प्रत्याशी को लेकर कई तरह की चर्चाएं पहले ही जारी हैं। प्रत्याशियों की घोषणा के मामले में भाजपा आगे रही है, लेकिन कांगे्रस अभी भी मंत्रणा में लगी है। सिलवानी से तो नाम लगभग तय माना जा रहा है, लेकिन बाकी तीन सीटों पर कांग्रेस में असमंजस बना हुआ है। कांग्रेसी कार्यकर्ता प्रत्याशियों की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। आचार संहिता लागू हो चुकी है, मतदान का काउंटडाउन शुरू हो गया है, ऐसे में प्रचार के लिए बचे दिनों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो सके इसके लिए प्रत्याशियों की घोषणा जल्द करना होगी।

कांग्रेस में उम्मीदवारों की कतार

भाजपा ने सोमवार को सांची विधानसभा से सींधिया समर्थक डॉ. प्रभुराम चौधरी को ही प्रत्याशी बनाया है, जो पहले से तय माना जा रहा था। एससी वर्ग के लिए सुरक्षित इस सीट पर भाजपा से अन्य कोई दावेदार नहीं था। 2018 के चुनाव में कांग्रेस से जीते प्रभुराम ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आकर उपचुनाव भाजपा की टिकट पर जीता था। उनके भाजपा में आने से कांग्रेस के पास कोई प्रत्याशी नहीं बचा, लेकिन भाजपा में दो फाड़ जरूर हो गईं। हालांकि उनकी फिर उम्मीदवारी से दूसरे खेमे की उम्मीदें टूट गई हैं। सांची से कांग्रेस किसे प्रत्याशी बनाएगी, अब यह चर्चा तेज होगी। दावेदारों की कतार है, लेकिन कोई ऐसा नहीं जिसके पास चुनावी राजनीति का अनुभव हो। अधिकतर युवाओं के नाम सामने आ रहे हैं। जिनके खेमे भी अलग-अलग हैं। ऐसे में प्रत्याशी का चयन कांग्रेस के लिए चुनौती बन गया है। जिले में यही एक ऐसी सीट है, जहां कांग्रेस नेतृत्व विहीन नजर आ रही है।

सिलवानी में बढ़ेगा चुनावी रोमांच

भाजपा ने सिलवानी से एक बार फिर रामपाल सिंह को प्रत्याशी बनाया है। इससे पहले वे 2013 और 2018 का चुनाव भी यहां से जीते थे। दोनो बार उनके मुकाबले कांग्रेस से देवेंद्र पटेल रहे। हार-जीत का अंतर भी बहुत ज्यादा नहीं रहा। ऐसे में इस बार मुकाबला और भी रोचक होने की संभावना है। कांग्रेस से एक बार फिर देवेंद्र पटेल की उम्मीदवारी तय मानी जा रही है। ऐसा हुआ तो यहां चुनाव खासा रोचक होगा। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि सिलवानी विधानसभा के मतदाता अंतिम समय तक यह पता नहीं चलने देते कि परिणाम क्या होंगे, यही वजह है कि सिलवानी का चुनाव दोनो दलों के लिए बड़ी चुनौती साबित होने वाला है।

भोजपुर में चर्चाओं को हवा

भोजपुर विधानसभा में शुरुआत से ही प्रत्याशी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं जारी हैं। पहले सुंदरलाल पटवा और अब सुरेंद्र पटवा के प्रभाव वाली इस सीट से प्रत्याशी की घोषणा में भाजपा का संकोच उन चर्चाओं को हवा दे रहा है, जिनमें प्रत्याशी के बदलाव की बातें की जा रही हैं। वहीं सुरेश पचौरी के प्रभाव और उनके ग्रह क्षेत्र की इस सीट से प्रत्याशी को तय करना कांग्रेस के लिए भी चुनौती बन गया है। कहा जा रहा है कि दोनो दल एक-दूसरे के प्रत्याशी की घोषणा का इंतजार करेंगे। चर्चा ये भी है कि तीसरी बार सुरेश पचौरी खुद मैदान में उतर सकते हैं। बहरहाल प्रत्याशी कोई भी हो, होगा उनकी पसंद का ही।