
MP News: अभिभावकों के पास फोन कर एडवांस देने के बदले दलाल कर रहे सीट पक्की का वादा (फोटो सोर्स: पत्रिका )
MP News: मध्य प्रदेश में इंजीनियरिंग मेडिकल और फार्मेसी में प्रवेश प्रक्रिया के बीच कॉलेजों में कम पैसों में सीट पक्की कराने के लिए दलाल सक्रिय हो गए हैं। मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश शुरू होने से पहले ही एनआरआइ और मैनेजमेंट कोटे से नामांकन कराने एजेंट सक्रिय है, जो अभिभावकों को झूठे वादों के जाल में फंसा कर मोटी रकम वसूल रहे हैं।
हैरत की बात यह है कि इन दलालों के पास नीट, जेईई मेंस और 12वीं के टॉपर्स सहित मेरिट लिस्ट में आने वाले छात्रों की पूरी जानकारी उपलब्ध है। अभिभावकों को प्रतिदिन फोन कॉल्स आ रहे हैं, जिनमें कॉल करने वाले खुद को किसी यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधि बताकर सीट बुकिंग का ऑफर दे रहे हैं।
फोन कॉल्स में कहा जाता है - मैडम, सर आपके बेटे के लिए सीट पक्की करा देंगे, अभी दो लाख एडवांस दीजिए। कुछ मामलों में तो मेडिकल कॉलेजों की एनआरआई और मैनेजमेंट कोटे की सीट्स के लिए एक से सवा करोड़ रुपए तक की डिमांड हो रही है।
एजेंट: मैं जयपुर से बोल रहा हूं क्या आप अपने बच्चे के लिए यूनिवर्सिटी देख रहे हैं।
अभिभावक: हां, आप कहां से बोल रहे हैं।
एजेंट: मैं जयपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से बोल रहा हूं। आप बच्चे को कौन-सा कोर्स कराना चाहते हैं।
अभिभावक: इंजीनियरिंग में बीटेक। आपके यूनिवर्सिटी की फीस कितनी है।
एजेंट: हमारे यहां चार साल के कोर्स की फीस 14 लाख रुपए है, लेकिन अभी हम जयपुर से बाहर छात्रों के लिए ऑफर दे रहे हैं।
अभिभावक: कैसे ऑफर हैं। क्या फीस कम हो सकती हैं। इसके अलावा स्कॉलर भी मिलती हैं।
एजेंट: हां, यदि आप जयपुर से बाहर अन्य जगह रहते हैं तो, आपको फीस में दो लाख रुपए कम देने होंगे। इसके अलावा आपको अभी रजिस्ट्रेशन कराना होगा। वैसे तो हमारे यहां रजिस्ट्रेशन फीस 12000 हजार है लेकिन, आप ऑनलाइन करते हैं तो अभी आपको 3000 रुपए देने होंगे।
अभिभावक: मुझे रजिस्ट्रेशन कराने के लिए क्या करना होगा।
एजेंट: हम आपको एक लिंक भेजेंगे जिस पर आपको तीन 3000 रुपए भेजना होगा। इसके बाद आपके बच्चे की सीट पक्की हो जाएगी।
एजेंट्स दावा करते हैं कि यदि अभिभावक अभी एडवांस अमाउंट दे दें तो सीट सुनिश्चित कर दी जाएगी। इसके लिए वे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की बात करते हैं जिसमें कम फीस का लालच दिया जाता है। एक फोन कॉल में कहा गया कि ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन में 6000 रुपए लगेंगे, लेकिन आप अभी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराते हैं तो सिर्फ 3000 रुपए देने होंगे।
14/07/2025
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन एजेंट्स के पास छात्रों के नंबर, कोर्स की रुचि, परीक्षा स्कोर और यहां तक कि अभिभावकों के मोबाइल नंबर तक उपलब्ध हैं। सवाल ये उठता है कि आखिर इतने संवेदनशील डेटा इन दलालों तक कैसे पहुंचे?
किसी से अपने डाक्यूमेंट्स, ओटीपी, पासवर्ड शेयर न करें। इसके लिए तकनीकी शिक्षा विभाग ने एडवाइजरी भी जारी कर दी है। ऐसे कॉल आते हैं तो, तकनीकी शिक्षा विभाग के साइट पर भी शिकायत कर सकते हैं।
डॉ. वीरेंद्र कुमार, डायरेक्टर, तकनीकी शिक्षा विभाग
Updated on:
14 Jul 2025 11:20 am
Published on:
14 Jul 2025 11:17 am
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