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भोपाल. ईओडब्ल्यू EOW ने लोरेन बी लोबो के खिलाफ प्राथमिक FIR जांच दर्ज कर प्रकरण को विवेचना में ले लिया है। ईओडब्ल्यू की अब तक की जांच में सामने आया है कि 2007-8 से 2017-18 की अवधि में मिली विधायक निधि का इसी तरह उपयोग किया गया है।
भाजपा सरकार में 2008 से 2018 तक मनोनित विधायक रही, जबलपुर की लोरेन बी लोबो ने विधायक निधि से स्थानीय विकास कार्य करवाने के बजाय अपने बेटे-बेटी व रिश्तेदारों की कई संस्थाओं को 25 करोड़ रुपए बांट दिए।
जांच के बाद इसका दायरा और बढ़ सकता है। इधर, पूर्व सांसद मनोहर ऊंटवाल, चिंतामणी मालवीय और नारायण सिंह केसरी के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। तीनों सांसदों ने जबलपुर के संबल नामक एनजीओ को सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर सप्लाय के लिए सांसद निधि से करीब 1 करोड़ 62 लाख रुपए देने की अनुशंसा की है।
इसमें भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन और बदनियतीपूर्वक पैसे निकालने का आरोप है। ईओडब्ल्यू ने बुधवार को संबल एनजीओ के जबलपुर स्थित राजूला आर्केड, रसल चौक टीम भेजकर जानकारी हासिल की तो पता चला कि इस पते पर न तो कोई एनजीओ कार्यरत है और न ही एनजीओ संचालक अभय तिवारी को वहां कोई जानना-पहचानता है। दस्तावेजों पर दर्ज एनजीओ का पता फर्जी मिला।
जांच के दायरे में ये संस्थाएं
पूर्व विधायक लोरेन बी लोबो ने बेटे एलजी लोबो व बेटी लीन डिलायमा की संस्था नोबल वुमन वेलफेयर फोरम, विनिंग एक्सप्रेशन, जेम्स एसोसिएशन, लाभ उन्यन क्रिश्चियन मिशन, सरगम संगीत सेंटर, स्टार क्रिकेट क्लब, सनराइज फुटबॉल क्लब व अन्य को करोड़ों रुपए विधायक निधि से दिए। ईओडब्ल्यू को अब तक की जांच में यह भी जानकारी मिली है कि नाती समायरा, नीतिका और रिश्तेदार मंजरी तली व एडवर्ड डिलायमा की संस्थाओं को भी विधायक निधि से पैसे दिए गए।
जिला सांख्यिकीय अधिकारी को भी जांच में शामिल किया
सांसद निधि मामले में तीनों सांसदों के जिलों के कलेक्टरों के अलावा जिला सांख्यिकीय अधिकारियों को भी प्राथमिक जांच में शामिल किया गया है। जिला सांख्यिकीय अधिकारियों को स्कूलों में कंप्यूटर सप्लाय के निरीक्षण के लिए तृतीय पक्ष के रुप में निरीक्षण एजेंसी नियुक्त किया गया था। घटिया कंप्यूटर सप्लाय करने के मामले में जिला सांख्यिकीय अधिकारियों ने संतोषजनक रिपोर्ट कैसे पेश कर दी, इसकी भी जांच की जा रही है।
सांसद व विधायक निधि के चारों मामलों में अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन की जा रही है। प्राथमिक जांच के अनुसार मनोनित विधायक ने अपने परिजनों की संस्थाओं को करीब 25 करोड़ रुपए देना पाया गया है। अलग-अलग पहलूओं की जांच जारी है। सांसद निधि मामले में निरीक्षण एजेंसियों को भी प्राथमिकी जांच में शामिल किया गया है।
- केएन तिवारी, डीजी ईओडब्ल्यू
Updated on:
27 Jun 2019 09:42 am
Published on:
27 Jun 2019 08:09 am
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