15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मतगणना स्थल के तीसरी लेयर में परिंदा भी नहीं मार सकेगा पर क्योंकि सीएपीएफ की 30 कंपनियां तैनात

- सीएपीएफ की 30 कंपनियों ने संभाला मतगणना स्थल का जिम्मा - करीब 15 से 20 हजार सरकारी कर्मचारी और 25000 से ज्यादा पुलिस बल की तैनाती

2 min read
Google source verification
bhopal_counting.jpg

भोपाल जिले के मतगणना केंद्र का जायजा लेते मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी।

भोपाल@ विधानसभा चुनाव की 3 दिसंबर को होने वाली मतगणना को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। खासतौर पर स्ट्रांगरूम की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष इंतजामात किए गए हैं। पुलिस मुख्यालय के सूत्रों के मुताबिक लोकल पुलिस के अलावा सीएपीएफ की 30 कंपनियां प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों में बने स्ट्रांग रूम में सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही हैं। बता दें तीसरे लेयर की सुरक्षा में सिर्फ सीएपीएफ के जवान तैनात किए गए हैं। प्रदेशभर में हुए मतदान के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 700 कंपनियां बुलाई गई थी। जिसमें 550 कंपनियों को राजस्थान चुनाव के लिए सीधे रवाना कर दिया गया।
8 इन संवेदनशील जिलों पर एक- एक कंपनी की तैनाती

मतगणना के लिए आयोग की ओर से प्रदेश में 8 संवेदनशील जिले चिन्हिंत किए गए हैं। जहां सीएपीएफ की एक- एक कंपनियां तैनात की गई हैं। यानी लोकल पुलिस के अलावा करीब 80 से 85 सीएपीएफ के जवान तैनात रहेंगे। बाकी शेष बचे अन्य जिलों पर आधी- आधी कंपनी की तैनाती की गई है। संवेदनशील जिलों की श्रेणी में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, भिंड, मुरैना, मंडला, बालाघाट और डिंडोरी जिले शामिल है।

15 से 20 हजार कर्मचारियों की लगी मतगणना में ड्यूटी

प्रदेशभर में मतदान के बाद अब मतगणना के लिए सरकारी कर्मचारियों की तैनाती शुरू हो गई है। निर्वाचन सदन कार्यालय के मुताबिक प्रदेशभर में सभी प्रकार के कर्मचारियों को मिला दिया जाए तो करीब 15 से 20 कर्मचारी मतगणना में ड्यूटी लगाई गई है। वहीं लोकल पुलिस की बात करें तो करीब 25000 से ज्यादा पुलिस के जवानों की भी तैनाती रहेगी।

मतगणना स्थल की सुरक्षा का बनाया तीन चक्र

मतगणना स्थल की सुरक्षा के लिए प्रशासन की ओर से तीन चक्र बनाए गए हैं जिसके पहले लेयर को मतगणना स्थल के 200 मीटर की दूरी पर बनाया गया है। जिसके सुरक्षा का जिम्मा पुलिस के पास है। दूसरे लेयर में पुलिस और सीएपीएफ दोनों के जवानों की तैनाती है। नहीं तीसरे लेयर यानी मतगणना स्थल का जिम्मा सीएपीएफ के जवानों ने संभाल रखा है।