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हर आधे घंटे में पता चलता है कैसे बदलेगा मौसम का मिजाज

Weather : एक दौर था जब हवा में गुब्बारे उड़ाकर हवा की दिशा, गति और मौसम संबंधी पूर्वानुमान लगाए जाते थे। अब मौसम विज्ञान केंद्र काफी आधुनिक हो गया है।

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World Meteorological Day

World Meteorological Day

Weather : एक दौर था जब हवा में गुब्बारे उड़ाकर हवा की दिशा, गति और मौसम संबंधी पूर्वानुमान लगाए जाते थे। अब मौसम विज्ञान केंद्र काफी आधुनिक हो गया है। हर तीन घंटे में मौसम का पूर्वानुमान मिल रहा है। जबकि, भोपाल स्थित राजा भोज एयरपोर्ट पर हर 30 मिनट में मौसम संबंधी पूर्वानुमान(World Meteorological Day) की सुविधा है। रेडार इमेज, उपग्रह, डीएएस जैसे अत्याधुनिक टूल्स से यह संभव हो पाया है।

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शहर के बढ़ते दायरे के हिसाब से अलग-अलग हिस्सों से मौसम की जानकारी के लिए अलग-अलग हिस्सों से आर्ब्जविटरी की व्यवस्था है। कोलार, बैरसिया, रातीबड़ में ताप और वर्षामापी यंत्र हैं। जबकि पहले बैरागढ़ और अरेरा हिल्स में ही आबर्जविटी सेंटर थे। भोपाल के अरेरा हिल्स में मौसम केंद्र की शुरुआत 17 जुलाई 1976 को हुई थी। जबकि बैरागढ़ का केंद्र 100 साल पुराना है।

मौसम के रुख का 15 दिन पहले पता

मौसम(World Meteorological Day) की गंभीर घटनाएं जैसे ओलावृष्टि, आंधी तूफान, बारिश जैसी स्थितियों को लेकर ऑटोमेटेड डीएएस यानी डिसीजन सपोर्ट सिस्टम के जरिए पूर्वानुमान जारी किया जाता है। आगामी पांच से पंद्रह दिनों तक मौसम का रुख क्या रहेगा, इसकी जानकारी भी समय से पूर्व नई तकनीकों के जरिए उपलब्ध कराई जाती है। क्वांटम कप्युटिंग के माध्यम से आने वाले समय में हाई रिजोल्यूशन न्यूमेरिक मॉडल विकसित किए जा रहे हैं।

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250 किमी तक की रेंज में बादलों का आंकलन

भोपाल मौसम विभाग के वैज्ञानिक निदेशक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि अब सटीक भविष्यवाणी की जा रही है। मौसम केंद्र में डॉप्लर वेदर रेडार लगा है, जिससे बादलों की ऊंचाई, हवा की गति, बारिश सहित कई तरह के पूर्वानुमानों की 250 किमी के दायरे में गणना होती है।