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पूर्व अधिकारी का दावा, फिक्स था 26/11 का मुंबई हमला, यूपीए सरकार इसे भी साबित कर देती हिंदू आतंकवाद

पूर्व अधिकारी का दावा, फिक्स था 26/11 का मुंबई हमला, यूपीए सरकार इसे भी साबित कर देती हिंदू आतंकवाद

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भोपाल

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Pawan Tiwari

May 04, 2019

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भोपाल. गृह मंत्रालय के पूर्व अंडर सेक्रेटरी आरवीएस मणि ने 26/11 मुंबई हमले को लेकर कई खुलासे किए हैं। जिसमें उन्होंने तत्कालीन यूपीए सरकार पर कई आरोप लगाए हैं। आरवीएस मणि शुक्रवार को भोपाल पहुंचे थे। उन्होंने अपनी किताब में दावा किया है कि मुंबई हमला पाकिस्तान और तब की यूपीए के केंद्रीय गृह मंत्रालय का फिक्सड मैच था।

उन्होंने अपनी किताब 'हिंदू टेरर- इनसाइडर एकाउंट ऑफ मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर' में हिंदू आतंकवाद को लेकर कई खुलासे किए हैं। भोपाल में उनकी किताब के हिंदी संस्करण 'हिंदू आतंक एक षड्यंत्र' पर चर्चा थी। उसी में उन्होंने तत्कालीन यूपीए सरकार पर कई संगीन आरोप लगाए हैं।

आरवीएस मणि ने कहा कि 26/11 के हमले के दिन केंद्रीय गृह मंत्रालय के ज्यादातर अधिकारी आतंकवाद पर होने वाली सलाना गृह सचिव स्तर की वार्ता के लिए पाकिस्तान के इस्लामाबाद पहुंचे थे और यह हमला हो गया। मणि दावा किया है कि पहले ये वार्ता 25 तारीख को होनी थी, लेकिन वहां पहुंचकर उसकी तारीख बढ़ाकर 26 कर दी गई।

पूर्व अधिकारी ने दावा किया है कि उस दिन उन्हें लखनऊ भेज दिया गया था और फिर मुंबई में आधी रात को हमला हो गया। मणि ने आरोप लगाया है कि हिंदू आतंकवाद को साबित करने के लिए जानबूझकर यूपीए सरकार में मौजूद तब के कुछ बड़े नेताओं और पुलिस अफसरों ने इसे मिलकर प्रचारित किया था। इसके बाद इसके सबूत गढ़े गए।

उन्होंने यह भी कहा कि तब सरकार और अफसरों का मोटिव क्या था, यह मुझे नहीं मालूम, लेकिन इस वजह से असली आतंकी बचकर निकल गए। आरवीएस मणि ने कहा कि वह प्रकाशक के बुलावे पर भोपाल आए हैं। इसका आयोजन राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच द्वारा किया गया था।

आरवीएस मणि ने कहा कि गृह मंत्रालय में रहते हुए हमने जो टिप्पणियां लिखीं हैं, उन्हें आप आरटीआई के माध्यम से देख सकते हैं। 29 दिसंबर 2008 मालेगांव में जो विस्फोट हुआ सिमी ने किया। उन्होंने इसे कबूल भी किया, इसके बाद भी एनआईए ने कहा कि हमने 35 दिन में सभी साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। इससे बड़ा झूठ हो ही नहीं सकता। उन्होंने कहा कि सामान्य रूप से किसी भी ऐसी घटना की विवेचना में 3 से 4 महीने लग जाते हैं परंतु इस घटना को मात्र 35 दिनों में चार्जशीट दायर कर गिरफ्तारी कर ली गई।