scriptExclusive Interview: दुनिया के 50 देशों को ‘राममय’ कर चुके पंडित याज्ञनिक आज भोपाल में, राममंदिर पर की बात | Exclusive Interview: Pandit Ajay Yagnik in bhopal today ravindra bhawan muktakash manch racitated sundarkand path in 50 countries of the world said Ram Mandir giving employment | Patrika News
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Exclusive Interview: दुनिया के 50 देशों को ‘राममय’ कर चुके पंडित याज्ञनिक आज भोपाल में, राममंदिर पर की बात

Exclusive Interview: आज 12 मई को मुक्ताकाश मंच रवीन्द्र भवन में संगीतमय सुंदरकांड से भावविभोर करने एमपी की राजधानी भोपाल पहुंचे पंडित अजय याज्ञनिक से पत्रिका की खास बातचीत, आप भी जानें राम मंदिर के सवाल पर क्या बोले

भोपालMay 12, 2024 / 09:39 am

Sanjana Kumar

today

पंडित अजय याज्ञनिक आज भोपाल में, राममय होगी राजधानी.

बाबूलाल भगवती सोनी ट्रस्ट 12 मई को मुक्ताकाश मंच रवीन्द्र भवन में संगीतमय सुंदरकांड का आयोजन कर रहा है। जिसमें मानस मयंक पं. अजय याज्ञनिक संगीतमय सुंदरकांड की प्रस्तुति देंगे। यह आयोजन 16वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इस वर्ष का विषय ”जाकर नाम सुनत सुभ होई। मोरे गृह आवा प्रभु सोई” रखा गया है। विश्व के 50 देश में सुंदरकांड के माध्यम से रामचरितमानस का प्रचार- प्रसार कर भगवान राम एवं हनुमान के चरित्र को अपनी अनूठी गायन शैली से व्यश्ति को मंत्र- मुग्ध कर देने वाले पंडित याज्ञनिक के साथ पत्रिका की बातचीत के कुछ अंश…
सवाल- राम मंदिर निर्माण को आप कैसे देखते हैं? क्या इससे देश में पर्यटक बढ़े?

अजय याज्ञनिक श्रीराम भारत के प्राण हैं, पिछले 5 दशकों से हम अपनी निश्चेतना में प्राण का इंतजार कर रहे थे, भारत को अयोध्या में राम मंदिर नहीं बल्कि हमारे प्राण हमें मिले हैं। अब रहा सवाल पर्याटक का तो जिस अयोध्या में ज्यादातर साधु संत ही रहते थे, वहां आज रोजाना लाखों लोग देश-विदेश से आ रहे हैं और रोजगार बढ़ा है।
सवाल- बच्चों के जीवन में मोबाइल के प्रभाव को कैसा देखते हैं?

अजय याज्ञनिक आटे में नमक मिलेगा तो रोटी का स्वाद अच्छा होगा, लेकिन नमक में आटा हो जाएगा तो कोई इसको खा नहीं पाएगा। इसी तरह मोबाइल उपयोग की वस्तु है। बच्चे इसका उपयोग कम दुरुपयोग ज्यादा कर रहे हैं जिसके परिणाम भी देखे जा रहे हैं। बच्चे डिप्रेशन में तो जा रहे हैं आत्महत्या तक कर रहे हैं।
सवाल- सुंदरकांड से जीवन को कैसे कुशल बना सकते हैं?

अजय याज्ञनिक परिवार व्यक्ति से सुंदर बनता है। जिस तरह 5 किलो खीर में 1 ग्राम केसर पुरी खीर को महका देती है, यही चरित्र हमारा होना चाहिए। श्रीहनुमानजी ने अपने कर्मों से अपना चरित्र ऐसा बनाया जिसका बखान स्वयं भगवान ने किया। जिसके कारण आज पूरे विश्व में भगवान राम से ज्यादा हनुमान के मंदिर हैं। यही चरित्र हमारे पारिवारिक जीवन को सुंदरकांड बनाता है।

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