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भोपाल से पुणे का तय किराया क्र800, पर यात्रियों से 1400 रुपए तक की वसूली

शासन की किराया समिति की ओर से तय है प्रति किमी एक रुपया फिर भी मनमानी

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bus stand

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भोपाल. त्योहारी सीजन में प्राइवेट बस ऑपरेटर टिकट किराया आम दिनों की तुलना में दो गुना तक वसूल रहे हैं। दरअसल, भोपाल से लंबी दूरी की बसों के संचालन के लिए शासन से जो नेशनल परमिट जारी हुए हैं, उसकी एक शर्त का फायदा ये उठा रहे हंै। इन ऑपरेटरों को शुल्क वसूली का अधिकार देने के कारण ही वे त्यौहारी सीजन में मनमानी कर रहे हैं। शासन से राज्य में बस किराया एक रुपए प्रति किमी तय है, लेकिन पालन नहीं होता। बस संचालन के लिए स्टेट गैरेज परमिट भी जारी होते हैं। नेशनल परमिट की गाडिय़ां अन्य राज्यों तक जाती हैं जबकि स्टेट गैरेज परमिट वाली प्रदेश के जिलों में। भोपाल से आसपास और प्रादेशिक बस सेवा की टिकटों का भी यही हाल है।

नियम के बावजूद बसों में किराया सूची नहीं
बसों के अंदर किराया सूची लगाने का नियम बनाने के पीछे दरों में पारदर्शिता लाना था, लेकिन इस व्यवस्था को बिगाड़ दिया गया। बस ऑपरेटरों का बहाना है कि यात्रियों की सुविधा के लिए टिकट कार्यालय में इन सूचियों को चस्पा किया जाता है। ऑपरेटरों की इस मनमानी के चलते बीच सड़क से यात्रा शुरू करने वाले यात्रियों को किराए की जानकारियां कभी नहीं मिल पाती हैं।

मनमाना किराया वसूली की शिकायतें लंबी दूरी की बसों में हैं। हमारी गाडिय़ां स्टेट परमिट के आधार पर नियमों से चलती हैं।
गोविंद शर्मा, प्राइवेट बस ऑपरेटर


वैधानिक संचालन के लिए ही नियम बनाए गए हैं। यदि नियमों का पालन नहीं हो रहा है तो कार्रवाई करेंगे।
संजय सोनी, उपायुक्त, परिवहन


मनमाने तरीके से टिकट नहीं बेची जा रही हैं। नेशनल परमिट पर चलने वाली बसों का किराया तय करने का अधिकार ऑपरेटरों को दिया गया है। इस नियम के तहत ही किराया तय किया जाता है।
अनिल वर्मा, प्राइवेट बस ऑपरेटर

भोपाल-इंदौर के यात्रियों को गांधी नगर बायपास से मिल रहीं वॉल्वो
आईएसबीटी से रोजाना इंदौर जाने वाले दो हजार से ज्यादा यात्री परेशान हैं। जिला प्रशासन से हलालपुर बस स्टैंड से तय है, लेकिन शार्टकट के चक्कर में कंपनी ने इंदौर की बसें बायपास से चलाना शुरू कर दीं। ये बसें आसाराम ग्रेड सेपरेटर से चलकर बायपास से सीधे इंदौर राजमार्ग पर पहुंचती हैं और इसी रास्ते से लौटती हैं। बीसीएलएल यात्रियों को आसाराम ग्रेड सेपरेटर मिनी बसों से छोड़ता है। रात में पैसेंजर परिवार के साथ बायपास पर भारी वाहनों की रेलमपेल के बीच अपने नंबर की बसों को तलाशते रहते हैं। बीसीएलएल ने दावा किया था कि गणेश उत्सव की भीड़ से बचने इन बसों को अस्थाई रूप से बायपास से चलाया जा रहा है। उत्सव खत्म होने के बाद भी चाटर्ड बसें हलालपुर से संचालित नहीं हो रही हैं।