
MP News : आदमपुर लैंडफिल(Adampur Khanti Bhopal) में मंगलवार को लगी आग का असर बुधवार को भी देखने को मिला। आग पूरी तरह से बुझ नहीं पायी है। धुंध और धुंए से आदमपुर, हरिपुरा और शांति नगर जैसे गांवों के निवासियों को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन हो रही है। उनका दम फूल रहा है आग से आसपास के कुछ पेड़-पौधे भी नष्ट हो गए हैं। यहां पिछले 18 महीने में 12वीं बार आग लगी। पिछले 24 घंटे से आदमपुर खंती(Adampur Khanti Bhopal) आग बुझाने के लिए नगर निगम के 10 फायरफाइटर लगे हुए हैं।
राजधानी भोपाल में रोज निकलने वाला 850 मैट्रिक टन कचरे का सिर्फ कागजी निस्तारण हो रहा है। इसलिए आदमपुर खंती में कचरे का पहाड़ है। इस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नगर निगम पर एक करोड़ 80 लाख रुपए का जुर्माना भी लगा चुका है। फिर भी कचरे के निस्तारण की गति बहुत धीमी है। अब निगम कमिश्नर कह रहे हैं आग क्यों लगी इसकी जांच करवाएंगे।
कचरा प्रबंधन निजी कंपनी ग्रीन रिसोर्स के हवाले है। कंपनी प्रोजेक्ट में फेल रही। समय सीमा बीतने के बाद काम भी बंद कर दिया। फिर निगम ने इंदौर की निजी कंपनी को नया टेंडर जारी किया है। आरोप है कर्मचारी जानबूझकर यहां आग लगा रहे हैं।
डॉ. सुभाष सी पांडे की याचिका पर एनजीटी ने पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक्सपर्ट टीम से आदमपुर छावनी लैंडफिल साइट की जांच कराई थी। पता चला था कि नगर निगम एसडब्ल्यूएम रुल्स 2016 का पालन नहीं करवा रहा। इससे पर्यावरण प्रदूषित हो रहा था।
अभी नहीं बुझेगी आग: अनुमान है कि मौजूदा आग को बुझाने में एक सप्ताह लग सकता है। 2019 में पिछली आग 21 अप्रेल से 27 मई तक चली थी।
बीमारियों का खतरा: कचरे के ढेर की वजह से आबोहवा प्रदूषित हो रही है। पन्नी व अन्य कचरा उडकऱ खेतों में पहुंचता है, इससे मिट्टी की उर्वरता कम हो रही है। लीचेट से भूजल बुरी तरह दूषित हो रहा है।
कचरा प्रबंधन करने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। आग क्यों लगी इसकी जांच कराई जा रही है। - हरेंद्र नारायण, निगमायुक्त
Published on:
24 Apr 2025 08:39 am
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