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अचानक गलने लगी चेहरे की हड्डी और मांसपेशियां, भोपाल में मिला दुर्लभ रोग का मरीज

MP News: राजधानी भोपाल में दुर्लभ बीमारी हेमीफेशियल माइक्रोसोमिया का मरीज पाया गया। मरीज के चेहरे के बाई तरफ की मांसपेशियां और हड्डी अचानक गलने लगी थी और गड्रढे जैसी संरचना बढ़ने लगी थी।

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rare disease hemifacial microsomia patient was found in Bhopal

भोपाल में दुर्लभ रोग हेमीफेशियल माइक्रोसोमिया का मरीज मिला (फोटो सोर्स : पत्रिका)

MP News: राजधानी भोपाल में दुर्लभ बीमारी(Rare Disease) हेमीफेशियल माइक्रोसोमिया का मरीज पाया गया। मरीज के चेहरे के बाई तरफ की मांसपेशियां और हड्डी अचानक गलने लगी थी और गड्रढे जैसी संरचना बढ़ने लगी थी। रोग प्रतिरोधक क्षमता अनियंत्रित होने से युवक स्व -प्रतिरक्षी रोग (ऑटो इम्यून डीजीज) से पीड़ित था। 22 वर्षीय पीड़ित पिछले दिनों हमीदिया में उपचार करवाया। अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी के डॉक्टरों की टीम ने लगभग साढे चार महीने उसका उपचार किया और युवक ठीक हो गया। डॉक्टरों ने युवक का उपचार नैनो फैट ग्राफ्टिंग तकनीक से किया। इससे चेहरे की मांसपेशियां मजबूत होती है।

अविकसित हो जाता है चेहरे का एक हिस्सा

विशेषज्ञों के अनुसार हेमीफेशियल माइक्रोसोमिया जन्मजात स्थिति है। यह आनुवंशिक कारणों से ऑटोसोमल रिसेसिव जीन परिवारों में फैल सकती है। इसमें चेहरे का एक हिस्सा छोटा, टेड़ा या अविकसित भी होता है।यह कान, उसके बाहरी हिस्सा, जबड़ा, गाल, चेहरे की नसें और मांसपेशियां और आंखों सहित चेहरे के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित कर सकता है।

जन्मजात स्थिति, कारण अज्ञात

गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) और हमीदिया(Hamidia Hospital) के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. अरून भटनागर ने बताया कि भोपाल में भी इस बीमारी के मरीज हैं। लेकिन इस दुर्लभ बीमारी के मरीज भी दुर्लभ पाए जाते हैं। एक लाख में ऐसे एक मरीज होते हैं। यह जन्मजात स्थिति है और इसके कारण अक्सर अज्ञात होते हैं। इस बीमारी के कारण जन्मजात चेहरा विकृत होता। लेकिन युवा अवस्था में इसके किसित होने से यह बीमारी और जटिल हो जाती है।