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फर्जी डॉक्टर AIIMS में नौकरी के लिए ले रहा था इंटरव्यू, पुलिस ने किया गिरफ्तार

locationभोपालPublished: May 03, 2019 09:46:09 am

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

फर्जी डॉक्टर ने एम्स में नौकरी दिलवाने के नाम पर – दो भाइयों से स्टोर असिस्टेंट, स्टोर कीपर बनवाने ठग लिए एक लाख 20 हजार रुपए

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भोपाल. फर्जी एसडीएम के बाद अब पुलिस ने राजधानी में फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। बागसेवनियां थाना पुलिस ने एम्स से गुरुवार को डॉक्टर की वेशभूषा में (स्टेथोस्कोप और एप्रेन पहने) इस फर्जी डॉक्टर को पकड़ा।

वह ऑन्कोसर्जरी विभाग में डॉक्टर के केबिन में बैठकर इंटरव्यू ले रहा था। उसने एम्स में नौकरी लगवाने के नाम पर दो सगे भाइयों से एक लाख 20 हजार ठग लिए। गौरतलब है कि ऑन्कोसर्जरी विभाग का डॉक्टर एक महीने की छुट्टी पर है।

एसडीओपी अनिल त्रिपाठी ने बताया कि गुरुवार सुबह एम्स प्रबंधन की सूचना पर बागसेवनियां थाना पुलिस ने उप्र में गोंडा जिला निवासी आनंद मिश्रा पिता देवकी नदंन मिश्रा (25) को गिरफ्तार किया। वह अयोध्या नगर में किराए से रहता है।

वह ऑन्कोसर्जरी विभाग में डॉक्टर के केबिन में टीकमगढ़ के खरगापुर निवासी भाइयों दीपक जैन और विकास जैन का इंटरव्यू ले रहा था।

उन्हें स्टोर असिस्टेंट और स्टोर कीपर बनवाने का झांसा देकर एक लाख 20 हजार रुपए ऐंठ चुका था। गौरतलब है कि दो दिन पहले एमपी नगर थाना पुलिस ने खुद को राजस्व विभाग का एसडीएम बताकर लोगों से ठगी करने वाले फर्जी एसडीएम को पकड़ा था।

दो भाइयों से स्टोर असिस्टेंट, स्टोर कीपर बनवाने ठग लिए एक लाख 20 हजार रुपए

नर्सों को हुआ शक

इंटरव्यू के दौरान आनंद ने नर्स से पानी मंगाया। अमूमन यहां भीड़ नहीं रहती। केबिन के बाहर लोगों को देख नर्सों को शक हुआ तो प्रबंधन से शिकायत की। प्रबंधन की सूचना पर पुलिस ने उसे पकड़ा।

उसके पास एम्स की सील व दस्तावेज मिले हैं। सीसीटीवी फुटेज की जांच की तो पता चला कि आनंद मिश्रा एक सप्ताह पहले भी एम्स के ट्रॉमा विभाग में देखा गया था।

किराए की इनोवा थी

महीने भर से सक्रिय आरोपी ओपीडी में आए मरीजों से खुद को डॉक्टर बताता था। दीपक और विकास एक महीने पहले मां का कैंसर का इलाज कराने आए थे। तब दीपक से उसने कहा था कि मैं दोनों भाइयों की एम्स में 40 हजार की नौकरी लगवा दूंगा।

इस बीच उनकी मां की मौत हो गई। आरोपी ने किराए की इनोवा ले रखी है, जिससे वह घूमता है। 15 दिन पहले आरोपी दीपक के गांव खरगापुर पहुंचा और उन्हें दो मई को इंटरव्यू के लिए बुलाया था।

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