
Farmer suicide
भोपाल. मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले के एक किसान द्वारा फसल खराब होने के कारण आत्महत्या करने का मामला प्रकाश में आया है। किसान सोयाबीन में अफलन और उड़द की फसल नष्ट होने के कारण डिप्रेशन में चला गया और उसने खेत पर पहुंचकर खुद को फांसी लगा ली, हालांकि इस मामले में प्रशासन का कहना कुछ ओर ही है।
घास लेने के गया, लेकिन शाम तक नहीं लौटा
जानकारी के अनुसार अशोकनगर जिले के शाढ़ौरा तहसील के ग्राम करख्या में 42 वर्षीय किसान महेंद्रसिंह पुत्र लल्लीराम रघुवंशी घर से घास लेने की बोलकर गया। लेकिन शाम तक घर नहीं लौटा तो उसे परिजन ढूंढने निकले, तो वह खेत पर आम के पेड़ के नीचे मृत अवस्था में पड़ा मिला, उसके गले में रस्सी का फंदा भी था। जिसका एक हिस्सा पेड़ पर बंधा हुआ था। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पीएम के लिए भेजकर जांच शुरू कर दी है।
प्रशासन बोला नहीं था कोई कर्ज
इस मामले में प्रशासन द्वारा अत्महत्या का कारण फसल में नुकसान होना नहीं बताया जा रहा है। प्रशासन के अनुसार किसान के पास दो मंजिला मकान , 18 एकड़ जमीन और एक ट्रेक्टर है। किसान ने आत्महत्या फलस के नुकसान की वजह से नहीं बल्कि पारिवारिक घरेलू समस्या के चलते की है।
भााई बोले 30 बीघा की फसल हुई खराब
भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री जगरामसिंह यादव और मृतक के चचेरे भाई भास्कर सिंह रघुवंशी का कहना है कि महेंद्रसिंह पर बैंक का 5.70 लाख रुपए का केसीसी कार्ड, एक बैंक का 1.90 लाख रुपए और एक लाख रुपए बिजली बिल, दो पंपों का दो लाख रुपए बकाया था। उसने बिजली कंपनी को चेक दिए थे। महेंद्रसिंह के पास 30 बीघा जमीन है, जिसमें 10 बीघा में उड़द और 20 बीघा में सोयाबीन थी, सोयाबीन में अफलन और उड़द नष्ट होने के कारण वह चिंतित हो गया था कि फसल बर्बाद हो गई है ऐसे में खाते में पैसा जमा नहीं होने से चैक बाउंस हो जाएंगे। इस कारण वह डिप्रेशन में आ गया और उसने आत्महत्या कर ली।
महेंद्र सिंह पर बिजली का कोई बिल बकाया नहीं था। बिल नियमित जमा होता था, सिर्फ चालू माह का ही घरेलू बिजली बिल बकाया था।
-नवीन यादव, जेई
हमने पीएनबी से जानकारी निकाली, किसान अपना किसान कार्ड नियमित रूप से जमा करता था, ओरवड्यू नहीं है, फसल में नुकसान भी अन्य किसान की तरह ही सामान्य ही है, जिसकी जानकारी फसल कटाई प्रयोग से मिलेगी। किसान ने फसल के नुकसान के चलते आत्महत्या नहीं की है। पारिवारिक विवाद के चलते आत्महत्या की है।
-विनीत गोयल, तहसीलदार
Published on:
17 Sept 2021 12:10 pm
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