
प्रदेश में पहली बार बिना खंभों का पैगोडा बनाया जाएगा। इसके निर्माण में दो करोड़ रुपए खर्च होंगे। राजधानी के चूनाभट्टी इलाके में बौद्ध विहार में इसका निर्माण किया जाएगा। इसकी डिजाइन इस तरह तैयार की जाएगी कि यह हर प्राकृतिक आपदा को झेल सके। इसका एक-तिहाई हिस्सा जमीन के अंदर होगा। इसमें एक अत्याधुनिक अंडरग्राउंड हॉल होगा, जिसमें 200 साधक ध्यान कर सकेंगे।
दो साल में बनकर होगा तैयार बौद्ध महाविहार के भंते शाक्यपुत्र सागर ने बताया कि 52 फीट ऊंचे और 52 फीट चौड़े इस पैगोडा को गुजरात और महाराष्ट्र के कारीगर बनाएंगे। इसका निर्माण कार्य इसी साल बारिश के बाद शुरू हो जाएगा और आने वाले दो साल में इसे तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।
क्या होता है पैगोडा
भंते सागर ने बताया कि पैगोड़ा म्यांमार का शब्द है, इसे बौद्ध मोनेस्टी कहा जाता है। यह एक तरह का बौद्ध मठ ही होता है।
तीन साल पहले बनाया प्लान
तीन साल पहले पैगोडा के निर्माण की योजना बनी थी। इसकी डिजाइन चेन्नई के आर्किटेक्ट ने तैयार की है। अभी यहां दस कमरों का निर्माण किया जा रहा है। इसके बाद पैगोडा का निर्माण शुरू होगा। सबसे बड़ी बुद्ध प्रतिमा: यहां 25 फीट ऊंची तथागत भगवान गौतम बुद्ध की प्रतिमा पहाड़ी पर स्थित है। इसकी स्थापना 2009 में हुई थी, जो शहर की सबसे बड़ी बुद्ध प्रतिमा है।
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Updated on:
18 Feb 2024 07:52 am
Published on:
18 Feb 2024 07:50 am
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