
शनिश्चरी अमावस्या: मंदिरों में सुबह से ही उमड़े भक्त, मन्नत के लिए किए ये खास उपाय
भोपाल। आज यानि 5 जनवरी 2019 को शनिश्चरी अमावस्या हैं, यह दिन यानि शनि अमावस्या शनिदेव के लिए समर्पित मानी जाती है। पंडित सुनील शर्मा के अनुसार जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़े साती या शनिदोष हो, उनके लिए आज के दिन शनिदेव की पूजा का खास महत्व है। माना जाता है कि ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा करते हैं।
शनिश्चरी अमावस्या के चलते शनिवार को सुबह से ही मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बने शनि मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिली। सुबह से ही भक्त शनिदेव के मंंदिरों में तेल,फूल, माला आदि लेकर कर उपस्थित हो गए। जिसके बाद शहर के कई मंदिरों में दोपहर तक शनि देव के दर्शन के लिए भक्तों की कतारें लगी रहीं।
वहीं पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि आज यानि 5 जनवरी को शनिश्चरी अमावस्या चतुर्ग्रही योग में मनाई जाएगी। उनके अनुसार इस दौरान धनु राशि में सूर्य होने के कारण धन की प्राप्ति के लिए लक्ष्मी की आराधना, पितृ दोष शांति एवं शनि को प्रसन्न करने का सबसे श्रेष्ठ दिन रहेगा।
पं. शर्मा के अनुसार माना जाता है कि शनिश्चरी अमावस्या को न्याय के देवता शनिदेव सभी को अभय प्रदान करते हैं। सनातन संस्कृति में अमावस्या का विशेष महत्व है और अमावस्या अगर शनिवार के दिन पड़े तो यह अत्यधिक खास मानी जाती है।
जिन जातक की जन्मकुंडली या राशियों पर शनि की साढ़ेसाती व ढैया का प्रभाव है, वे इसकी शांति व अच्छे फल प्राप्त करने के लिए शनिश्चरी अमावस्या पर विधिवत पूजन कर पर्याप्त लाभ उठा सकते हैं।
शनिदेव का रंग श्यामवर्ण है और अमावस्या की रात्रि भी काली होती है। दोनों के ही गुणधर्म एक समान हैं। इसलिए शनिदेव को अमावस्या अधिक प्रिय है। पूर्व से ही अमावस्या पर शनिदेव का पूजन शास्त्री, आचार्य, तांत्रिक विशेष रूप से करते हैं।
शनिदेव को प्रिय है शनिश्चरी अमावस्या...
मान्यता है कि शनि की कृपा का पात्र बनने के लिए शनिश्चरी अमावस्या को सभी शनि भक्तों को विधिवत शनि आराधना करनी चाहिए। भविष्यपुराण के अनुसार शनिश्चरी अमावस्या शनिदेव को अधिक प्रिय रहती है।
वहीं पंडित शर्मा कहते हैं कि जिन जातकों की कुंडली में साढ़ेसाती व ढैया का योग है। वे इस दिन शनिदेव का पूजन कर अच्छी सफलता प्राप्त करके अपने दुष्परिणामों से छुटकारा पा सकते हैं। माना जाता है कि इस दिन शनिदेव की पूजा-अर्चना करने पर शांति व अच्छे भाग्य की प्राप्ति होती है।
धन प्राप्ति के लिए ये करें How to get money...
इस दिन धन की प्राप्ति के लिए कनक धारा स्त्रोत का पाठ, दुर्गा सप्तशती चरित्र का पाठ, अन्नपूर्णा स्त्रोत का पाठ वैदिक विधि से करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपार सम्पत्ति प्राप्त कराती हैं।
पितृ दोष मुक्ति व शनि की शांति के लिए ये करें! do it for father's liberation and Saturn peace...
पंडित शर्मा के अनुसार पितृ दोष की शांति के लिए नांदी श्राद्ध कराना चाहिए। शनि की ढैया एवं साढ़े साती की शांति के लिए शनि ग्रह के तांत्रिक एवं वैदिक बीज मंत्रों का जाप एवं शनि से संबंधित वस्तुओं जैसे काला वस्त्र, काले तिल, उड़द की दाल, सरसों का तेल, लोहे का सामान, छतरी, जूते, कंबल, भैंस, श्यामा धेनु का दान करना शुभ फल प्रदान करेगा।
2019 में कुल 8 अमावस्या महत्वपूर्ण 8 amavasya in 2019 is significant...
वहीं ज्योतिष के जानकार वी शास्त्री के अनुसार 2019 साल में 3 शनिश्चरी अमावस्या, तीन सोमवती अमावस्या, दो भौमवती अमावस्या पड़ेंगी। शनिश्चरी अमावस्या 5 जनवरी, 4 मई और 28 सितंबर को पड़ेगी। सोमवती अमावस्या 4 फरवरी, 3 जून और 28 अक्टूबर को होगी। भौमवती अमावस्या 2 जुलाई और 28 नवंबर को होगी।
शनि का वैदिक मंत्र :
ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।
शं योरभि स्त्रवन्तु न:।।
शनि का तांत्रिक मंत्र :
ॐ शं शनैश्चराय नमः।।
शनि का बीज मंत्र :
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।
Updated on:
05 Jan 2019 01:18 pm
Published on:
05 Jan 2019 01:17 pm
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