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एनजीओ पर पांच लाख का जुर्माना

चैरिटेबल फाउंडेशन को अनुदान के तहत दी गई जमीन को चुनौती देने वाली याचिका बिना किसी ठोस आधार के प्रस्तुत करने को लेकर एक गैरसरकारी संगठन (एनजीओ) पर पांच लाख जुर्माना लगाया।

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rb singh

Jan 14, 2017


भोपाल
. सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल में एक चैरिटेबल फाउंडेशन को अनुदान के तहत
दी गई जमीन को चुनौती देने वाली याचिका बिना किसी ठोस आधार के प्रस्तुत
करने को लेकर एक गैरसरकारी संगठन (एनजीओ) पर पांच लाख जुर्माना लगाया। चीफ
जस्टिस जेएस खेहर व जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एनजीओ परिश्रम समाज सेवा
कल्याण समिति की याचिका खारिज कर दी। याचिका में जबलपुर हाईकोर्ट के जुलाई
2016 में खारिज की गई पीआईएल के फैसले को चुनौती दी गई थी।

चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता वी गिरि को कहा कि
जिस जमीन को 2008 में दिया गया था, उस पर 2011 में 130 करोड़ रुपए की लागत
से 750 बिस्तर का अस्पताल चल रहा है। सरकार चाहती है कि निजी निवेशक की
मदद से अस्पताल में बिस्तर की कमी दूर की जाए। आपने 2012 में हाईकोर्ट में
याचिका दाखिल की थी। हम आपकी याचिका को स्वीकृत नहीं कर सकते।