मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पिछले दिनों मध्यप्रदेश के अलग-अलग अंचल की पहचान बन चुकी खाद्य सामग्रियों का प्रचार प्रसार करने के साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने पर जोर दिया था। इसमें रतलामी सेव, मुरैना की गजक, सागर की चिंरोजी बर्फी से लेकर भिंड का पेढ़ा और बुरहानपुर के केले के चिप्स तक शामिल है। वहीं मध्यप्रदेश के हर अंचल में भोजन के जायके में भी अलग-अलग डिश वहां की पहचान है। फूड्स ऑफ एमपी में ये सभी जायके एक साथ मिल सकेंगे। फूड्स आफ एमपी के बाद सरकार 13 से 16 फरवरी के बीच राजधानी में फूड्स ऑफ इंडिया का भी आयोजन करने जा रही है। वहीं आगे स्वीट्स ऑफ एमपी की भी तैयारी है।
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लघु उद्योग को मिलेगा बढ़ावा-
सरकार के इस प्रयास से मध्यप्रदेश में मिठाई और खाद्य सामग्रियों के निमार्ण में जुटे छोटे कारोबारियों को बढ़ावा मिलेगा। सरकार इस तरह के उद्योग से जुड़े व्यापारियों को अपना कोरोबार बढ़ाने के लिए जल्द ही रियायत देने की भी योजना बना रही है।
सरकार के इस प्रयास से मध्यप्रदेश में मिठाई और खाद्य सामग्रियों के निमार्ण में जुटे छोटे कारोबारियों को बढ़ावा मिलेगा। सरकार इस तरह के उद्योग से जुड़े व्यापारियों को अपना कोरोबार बढ़ाने के लिए जल्द ही रियायत देने की भी योजना बना रही है।
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मुरैना की गजक को अंतराष्ट्रीय पहचान दिलाने की कवायद- मुरैना की गजक को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए भी विभाग काम कर रहा है। सरकार का प्रयास है कि देश के बड़े फूड प्लाजा और शोरूम में मुरैना की गजक उपलब्ध हो सके।
मुरैना की गजक को अंतराष्ट्रीय पहचान दिलाने की कवायद- मुरैना की गजक को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए भी विभाग काम कर रहा है। सरकार का प्रयास है कि देश के बड़े फूड प्लाजा और शोरूम में मुरैना की गजक उपलब्ध हो सके।
वर्जन-
मध्यप्रदेश में अलग-अलग अंचलों का अपना-अपना जायका है और वहां की खाद्य सामग्रियों की अपनी पहचान है। इन्हें देश में पहचान मिले इसके लिए फूड्स ऑफ एमपी का आयोजन किया जा रहा है। हमारी स्वीट ऑफ एमपी करने की भी योजना है।
मध्यप्रदेश में अलग-अलग अंचलों का अपना-अपना जायका है और वहां की खाद्य सामग्रियों की अपनी पहचान है। इन्हें देश में पहचान मिले इसके लिए फूड्स ऑफ एमपी का आयोजन किया जा रहा है। हमारी स्वीट ऑफ एमपी करने की भी योजना है।
राजीव शर्मा, आयुक्त, हस्तशिल्प एवं हाथकरघा, मप्र