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Alert: नॉन स्टिक पैन से निकलते हैं 9 हजार प्लास्टिक पार्टिकल्स, यूज करते समय न करें ये गलतियां

-नॉन स्टिक पैन में बना खाना सेहत के लिए नुकसानदेय

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भोपाल। नॉन स्टिक पैन को खाना बनाने के बाद साफ करना चाहे बेहद आसान होता हो लेकिन इसमें बनाया खाना आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। ऑस्ट्रेलिया में फ्लिंडर्स और न्यूकैसल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने टेफ्लॉन यानी नॉन स्टिक पैन को लेकर की गई रिसर्च में इसका खुलासा किया है। रिसर्च में बताया कि नॉन स्टिक में खाना बनाते समय इसके प्लास्टिक के हजारों पार्टिकल निकलकर खाने में मिल जाते हैं। पैन के तले में बनी एक छोटी से दरार से भी 9,100 प्लास्टिक पार्टिकल्स निकल सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि नॉन स्टिक बर्तन धीरे-धीरे कोटिंग खो देते हैं। इसके बाद पैन से लाखों का पार्टिकल निकल कर आपके खाने में मिल जाते हैं। शोध में कहा गया कि पैन में तेज आंच पर खाना बनाते समय खाने में माइक्रोप्लास्टिक के मिलने की आशंका ज्यादा रहती है।

पिघलने लगती है कोटिंग

अगर नॉन स्टिक पैन में बहुत देर तक हीट दी जाए तो इसकी कोटिंग पिघलने लगेगी और इससे निकलने वाला धुंआ खाने को टॉक्सिक यानी विषैला कर देता है जो हेल्थ के लिए बुरा होता है. दरअसल 500 डिग्री फारेनहाइट पर इसकी कोटिंग पिघलने लगती है. इस बात का भी ध्‍यान रखें कि खाने के बर्तन को कभी भी डायरेक्‍ट हीट ना दें।

स्लो कुकिंग में ना करें यूज़

स्‍लो कुकिंग के लिए भी नॉन स्किट पैन का इस्‍तेमाल नहीं करना चाहिए. अगर आप सॉस, सूप, मीट, खीर या कोई भी डिश जिसे कम आंच पर बहुत देर तक पकाया जाता है और ये नीचे चिपकने लगते हैं तो ऐसी चीजो को भी नॉन स्टिक पैन में नहीं पकाना चाहिए. इससे आपके पैन की कोटिंग खराब होती है और ये सेहत के लिए भी नुकसानदेह होता है।

पैन में खाना पकाते हैं तो ध्यान रखें

- नॉन-स्टिक पैन में खरोंच आ गई है, तो इसमें खाना न पकाएं। यह खरोंच आपके खाने में जहरीले रसायनों को मिला सकता है।

- नॉन स्टिक बर्तनों में खाना बनाते समय गैस का फ्लेम धीमी रखें। हाई फ्लेम पर खाना पकाने से खाने में माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा मिल सकती है।

- खाने के लिए सिरेमिक कुकवेयर या स्टेनलेस स्टील के बर्तन इस्तेमाल कर सकते हैं।

- ऑमलेट, फिश,चिकेन, नूडल्स आदि को आप नॉन स्टिक पैन में आसानी से पका सकते हैं. ये सभी डिशेज काफी जल्दी बनती हैं और इन्‍हे अधिक देर तक पकाने की जरूरत नहीं होती. दरअसल, नॉन स्टिक पैन में मिक्स करने, टॉस करने और पलटने में समस्या नहीं आती, इसलिए मिक्स वेज, चीले, ऑमलेट जैसी चीज़ों को इस पर बहुत अच्छी तरह बनाया जा सकता है.

जानिए शरीर को कौन-कौन से नुकसान हो सकते हैं

-नॉनस्टिक बर्तन के ज्यादा इस्तेमाल से थायरॉइड बढ़ने कि समस्या उत्पन्न हो सकती है।

-इसमें खाना बनाने से बॉडी में आयरन की कमी हो सकती है, वहीं ये खून बनने की समस्या को भी कम कर सकता है और आप एनेमिया का शिकार भी हो सकते हैं।

-नॉनस्टिक बर्तन में खाना खाने से दिमाग से जुड़ी बीमारी होने का खतरा बढ़ सकता है।

-इसके ज्यादा इस्तेमाल से मांसपेशियों और हड्डियों को कई सारे नुकसान पहुंच सकते हैं।