
जिन पूर्वजों की मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं उनके निमित्त भी होगा तर्पण, श्राद्धकर्म, पितरों को देंगे विदाई
सर्वपितृमोक्ष अमावस्या पर शहर में जगह-जगह श्राद्धकर्म, तर्पण, पिंडदान के आयोजन होंगे। जिन मृतक पूर्वजों की मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं है, उनके निमित्त भी इस दिन तर्पण किया जाता है। इस दिन तर्पण, पिंडदान करने से पितर प्रसन्न होते हैं।
शहर के पंडितों के अनुसार श्राद्ध पक्ष के 16 दिवसीय पखवाड़े में पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तक पितृपक्ष रहता है। यह पखवाड़ा पितरों के तर्पण, श्राद्धकर्म के लिए विशेष है। मान्यता है कि पितृपक्ष पखवाड़े में पितर पृथ्वीलोक पर आते है। इसलिए जिनकी मृत्यु पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तक जिस तिथि पर हुई है, पितृपक्ष की उस तिथि पर उनका तर्पण किया जाता है। इसी प्रकार जिन पूर्वजों की मृत्यु तिथि आदि ज्ञात नहीं है, उनके लिए सर्वपितृमोक्ष अमावस्या के दिन श्राद्धकर्म तर्पण का विधान है। सर्वपितृमोक्ष अमावस्या पर श्राद्ध, तर्पण कर पितरों को विदाई दी जाती है।
विशेष फलदायी रहेगी अमावस्या
ब्रह्म ज्योतिष संस्थान के पं.जगदीश शर्मा के अनुसार इस बार पितृमोक्ष कई शुभ योगों से युक्त रहेगी। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी सुबह से दोपहर तक विद्यमान रहेगा। इस दिन श्राद्ध कर्म करना अनंत फलदायक माना गया है। पितृ शांति के लिए पितृमोक्ष अमावस्या पर श्राद्ध कर्म, तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। जिन पूर्वजों की मृत्यु की तिथि याद नहीं है, उनके निमित्त भी इस दिन तर्पण, श्राद्धकर्म किया जाता है।
गायत्री शक्तिपीठ में तर्पण
एमपी नगर स्थित गायत्री शक्तिपीठ में पितृपक्ष पखवाड़े के अंतर्गत श्राद्धकर्म, तर्पण किया जा रहा है। यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचकर पितरों के निमित्त तर्पण कर रहे हैं। बुधवार को सर्वपितृमोक्ष अमावस्या के मौके पर भी यहां तर्पण किया जाएगा। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।
Published on:
05 Oct 2021 11:21 pm
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