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प्रदेश में पहली बार सीएसआर के जरिए वन क्षेत्र से बाहर हरियाली बढ़ाने की कवायद

61 हजार फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं। इन्हें ग्रामीणों के जरिए रौपा जा रहा है। ग्रामीण ही इनकी देखभाल करेंगे, वन विभाग उन्हें तकनीकी और संरक्षण में मदद करेगा।

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भोपाल। वन विभाग अब तक वन क्षेत्र में ही पौधरोपण कर जंगल बढ़ाने की कवायद करता था, लेकिन प्रदेश में पहली बार सीएसआर(कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉसिबिलिटी) के जरिए वन क्षेत्र से बाहर हरियाली बढ़ाने की कवायद की है। इसके लिए रायसेन जिले के भीमबैठका क्षेत्र का चुना गया है। यहां 61 हजार फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं। इन्हें ग्रामीणों के जरिए रौपा जा रहा है। ग्रामीण ही इनकी देखभाल करेंगे, वन विभाग उन्हें तकनीकी और संरक्षण में मदद करेगा।

वन विभाग की नर्सरी में पौधे तैयार किए

वन विभाग ने पिछले साल वन क्षेत्र में सीएसआर के जरिए करीब 15 सौ हेक्टेयर में पौधरोपण किया था। वन विभाग की नर्सरी में पौधे तैयार कर इन्हें ग्रामीणों को दिया गया। इससे पौधों की लागत भी सिर्फ 14 रुपए आई। लागत कम होने से विभाग ज्यादा संख्या में पौधरोपण कर सकेगा। प्रोजेक्ट के लिए टिगरिया पंचायत के 5 गांवों को चुना गया है।

भीमबैठका क्षेत्र का तापमान भी रहेगा नियंत्रित

एपीसीसीएफ एचसी गुप्ता के अनुसार भीमबैठका विश्व धरोहर स्थल है। इसके पास ही रातपानी का जंगल है। यहां पौधरोपण होने से इस क्षेत्र का तापमान भी नियंत्रित रहेगा। इससे इस विश्व धरोहर क्षेत्र के क्लाइमेट चेंज के असर को कम करने में मदद मिलेगी। इस क्षेत्र में पांच लाख पौधे रौंपे जाएंगे। इससे ग्रामीणों को भी आय का नया जरिया मिलेगा।

राजस्व की जमीन पर पहली बार ऐसा प्रयोग

वन बल प्रमुख आरके गुप्ता के अनुसार प्रोजेक्ट के लिए करीब 8.50 लाख का सीएसआर फंड मिला है। राजस्व की जमीन पर प्रदेश में पहली बार इतने बड़े पैमान पर पौधे लगाए जा रहे हैं। आगे भी जो कंपनियां सीएसआर के तहत जुड़ेंगी तो इससे शहर और गांव के वन क्षेत्र को बढ़ाने में मदद मिलेगी।