30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पावर प्लांट के लिए ढाई लाख करोड़ के करार, अधिकतर के एमओयू हुए हवा

प्रदेश में औद्योगिक विकास का सच...

2 min read
Google source verification
power plant

भोपाल. प्रदेश में पावर प्लांट लगाने के करार हवा हो गए हैं। २७ कंपनियों ने ढाई लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के एमओयू (मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) साइन किए थे, लेकिन एक दशक से भी अधिक समय बीतने के बाद भी केवल सात कंपनियों ने ९ प्रोजेक्ट लगाए। उस पर भी चार प्रोजेक्ट सरकारी कंपनियों के हैं। इसी दौरान कोल ब्लाक आवंटन को लेकर उठे विवाद ने सबसे अधिक झटका प्रदेश को ही दिया है।

सरकार ने 2007 में निजी पूंजी निवेश का दरवाजा खोल दिया था। पहले इंवेस्टर समिट में ही ऊर्जा के क्षेत्र में ५० हजार करोड़ रुपए से अधिक के करार हुए थे। इसके बाद तो जैसे कंपनियों में प्रदेश में पावर प्लांट लगाने की होड़ लग गई। २०१२ तक २७ कंपनियों ने ढाई लाख करोड़ से अधिक के एमयूओ साइन किए, लेकिन प्रोजेक्ट क्रियान्वयन में कंपनियां फिसड्डी साबित हुईं। पहले स्टेज की पर्यावरणीय अनुमति के लिए आवेदन लगाने के बाद भी २७ कंपनियां प्रदेश में निवेश से पीछे हट गईं। इसके पीछे कोल ब्लाक आवंटन के विवाद की वजह गिनाई जाती है, जबकि सच्चाई यह है कि अधिकतर कंपनियों ने एमओयू में सरकारी कोल कंपनियों से कोयला खरीदने की बात कही थी।

तो आ जाती ऊर्जा क्रांति -
पावर प्लांट के लिए धड़ाधड़ करार हो रहे थे। अगर ये सभी जमीन पर उतरते तो प्रदेश में ऊर्जा क्रांति आ जाती। हजारों युवाओं को रोजगार मिलता। एमओयू के आंकड़ों के मुताबिक ३९ हजार ४९० मेगावाट के विद्युत उत्पादन क्षमता के प्लांट लगाए जाने के करार हुए थे, लेकिन २००७ से लेकर अब तक १७ हजार मेगावाट के प्रोजेक्ट लगाए गए हैं। २७ में से २० कंपनियां प्रदेश वापस ही नहीं लौटीं।

ये प्रोजेक्ट जमीन पर उतरे -

अब तक प्रदेश में ९ पावर प्रोजेक्ट लगाए गए हैं। इनमें सबसे बड़ा ३९६० मेगावाट का रिलायंस पॉवर का सासन सिंगरौली स्थित पावर प्लांट है। हालांकि यह प्लांट केंद्र सरकार की एसपीवी योजना के अंतर्गत सुपर क्रिटिकल मेगा पॉवर प्रोजेक्ट के तहत लगाया गया है। इनके अलावा सरकारी कंपनी नेशनल थर्मल पॉवर कार्पोनेशन (एनटीपीसी) के दो प्रोजेक्ट बरेठी छतरपुर और गाडरवारा नरसिंहपुर निर्माणाधीन हैं। राज्य सरकार की स्वामित्व वाली मध्यप्रदेश विद्युत उत्पादन कंपनी के दो प्रोजेक्ट सतपुड़ा थर्मल बैतूल, श्री सिंगाजी खंडवा ने दो प्रोजेक्ट लगाए। निजी कंपनियों में रिलायंस सहित हिंदुस्तान पावर प्रोजेक्ट अनूपपुर, जेपी निगरी सिंगरौली, एस्सार का महान पॉवर प्रोजेक्ट सिंगरौली और वेलस्पन एनर्जी अनूपपुर ही स्थापित हुए।

वर्जन -
कोयला आवंटन के आवेदन के साथ कंपनियों ने पावर प्लांट लगाने के लिए एमओयू साइन किए थे। कोयला नहीं मिल पाने से क्रियान्वयन नहीं हुआ है। समय-समय पर समीक्षा की जाती है।

राजेंद्र शुक्ल, मंत्री खनिज व उद्योग