
Gammon Project
भोपाल. शहर के पॉश सेमी कमर्शियल मॉल-रेसीडेंशियल कॉम्प्लेक्स गैमन पर पूर्व भाजपा सरकार और अफसरों की मेहरबानी की जांच में देरी कांग्रेस सरकार को महंगी पडऩे वाली है।
प्रदेश सरकार निर्माण करने वाली कंपनी दीपमाला इंफ्रा से करोड़ों का जुर्माना वसूलने के लिए फाइल तैयार कर रही है। उधर, दीपमाला इंफ्रा ने फर्जी तरीके से प्रोजेक्ट के 30 फ्लैट्स और 70 से ज्यादा दुकानें और ऑफिस चेंबर पाटर्नर फर्म सोनी मोनी डवलपर्स के नाम रजिस्टर्ड करवा दिए हैं। पत्रिका को मिले दस्तावेजों के मुताबिक 2.5 करोड़ रुपए कीमत वाले 30 फ्लैट और 25 करोड़ रुपए तक कीमत वाली 70 कमर्शियल यूनिट शामिल हैं। इसका बाजार मूल्य 1800 करोड़ रुपए से ज्यादा है। कुल चार हजार करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट पर प्रदेश सरकार का अधिकार है। प्रोजेक्ट के बाकी फ्लैट्स निजी निवेशकों ने बुक करवाए हैं, जो पजेशन के लिए रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी और सरकार के चक्कर लगा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गैमन प्रोजेक्ट डवलप करने राज्य सरकार ने वर्ष 2008 में दीपमाला इंफ्रा से एग्रीमेंट किया था। इसके मुताबिक दीपमाला इंफ्रा को वर्ष 2013 तक 15 एकड़ जमीन पर संपत्ति विकसित कर सरकार को सुर्पुद करनी थी। अब इसे गैरकानूनी तरीके से बेचा जा रहा है।
सरकार को चुकाना होगा हर्जाना
मुंबई के एक्सिस बैंक ने लोन नहीं चुकाने के मामले में दीपमाला इंफ्रा को एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) घोषित कर रखा है। बैंक ने वसूली के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल मुंबई बैंच में 10 दिसंबर 2018 को याचिका क्रमांक 19 सीपी (आईबी)-3800-(एमबी-2018) लगाकर दीपमाला इंफ्रा को दिवालिया घोषित करने की मांग की है। दिवालिया होने पर गैमन प्रोजेक्ट को पूराकर निवेशकों को पजेशन देने की जवाबदारी राज्य सरकार की होगी। बाकी संपत्ति पर एक्सिस बैंक का कब्जा हो जाएगा।
फैक्ट फाइल
12 एकड़ जमीन प्रोजेक्ट के लिए आवंटित
25 मंजिला 5 टॉवर्स में कुल फ्लैट- 360
108 कुल दुकानें कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में प्रोजेक्ट के लिए अनुबंध- वर्ष 2008
2013 प्रोजेक्ट कब तक पूरा होना था
04 हजार करोड़ रुपए गैमन प्रोजेक्ट का बाजार मूल्य-
354 करोड़ रुपए सरकार के खाते में जमा लीज शुल्क
इस मामले की शिकायत क्राइम ब्रांच से की है। सरकार को लंबे समय से चेताया जा रहा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से दीपमाला इंफ्रा के डायरेक्टर्स को खुली लूट की छूट मिली हुई है। पुलिस और प्रशासन के आला अफसर रमेश शाह की मदद करते रहते हैं।
चंदना अरोड़ा, निवेशक एवं शिकायकर्ता
प्रोजेक्ट में हुई अनियमितताओं की पूरी जांच होगी। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। निवेशकों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
जयवद्र्धन सिंह, मंत्री, नगरीय प्रशासन एवं आवास
Published on:
28 Mar 2019 03:03 am
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