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भोपाल। किसी भी शुभ काम को करने से पहले संकल्प करते हैं और गणेश जी को याद करते हैं। पूजा का शुभारंभ करते समय सदैव सर्वप्रथम श्रीगणेशाय नम: लिखते हैं। इसके अलावा यह रिवाज भी है कि सभी देवी-देवताओं से पहले श्री गणेश की पूजा की जाती है। दरअसल, किसी पूजा, आराधना, अनुष्ठान व कार्य में कोई विघ्न-बाधा न आए, इसलिए सर्वप्रथम गणेश-पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त की जाती है लेकिन इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना भी बहुत जरुरी होता है। शहर के ज्योतिषाचार्य पंडित जगदीश शर्मा बताते है कि बहुत से लोग बिना सोचे-समझे पूजा के दौरान गणेश जी को कोई भी फूल अर्पित कर देते हैं, जो उन्हें प्रिय भी नहीं होते। शास्त्रों के अनुसार, जिस भगवान की पूजा करें, उन्हें उनका पसंदीदा फूल ही अर्पित करना चाहिए। जानिए गणेश जी को कौन से फूल चढ़ाएं और कौन से नहीं चढ़ाएं…
गणेश जी को सिर्फ ये चढ़ाए
पंडित जी बताते है कि पौराणिक कथाओं में इस बात को बताया गया है कि गणेश जी को दूर्वा यानि दूब घास बहुत पसंद है इसलिए हो सके तो उनकी हर पूजा में दूर्वा जरूर चढ़ाएं। गणेश जी को 21 दूर्वा कर एक गांठ बनाई जाती है। इसके बाद 21 गांठ गणेश जी के मस्तक पर चढ़ाई जाती है। दूर्वा के ऊपरी हिस्से पर तीन या फिर पांच पत्तियां हों तो यह बहुत ही उत्तम माना जाता है। साथ ही हो सके तो श्रीगणेश जी को के पान और लड्डू चढ़ाएं, इससे वह बेहद प्रसन्न होते हैं।
न चढ़ाएं केतकी के फूल
हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि शिव पुत्र गणेश जी को केतकी के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव को केतकी के फूल पसंद नहीं हैं। मान्यता है कि इसी वजह से भगवान गणेश जी को भी केतकी के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। साथ ही गणेश जी को तुलसी का दल नहीं चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा आप उन्हें गुलाब, गेंदा आदि फूल चढ़ा सकते हैं।
Published on:
02 Jan 2019 12:34 pm
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